मुरैना
श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों का कुनबा बढ़ेगा। नामीबिया से बाद साउथ अफ्रीका से 12 चीतों की पहली खेप तीन महीनों के भीतर ही भारत लाई जानी है। यह सभी चीते कूनो में बसाए जाएंगे। इसके लिए कूनो के जंगलों में नए बाड़े बनाने का काम शुरू हो गया है। उधर साउथ अफ्रीका से चीते लाने की अहम बैठक परसों 4 अक्टूबर को होने वाली है।
गौरतलब है, नामीबिया ने 8 चीते भारत को तोहफे में दिए थे, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छाेड़ा गया है। साउथ अफ्रीका से भारत को 80 से ज्यादा चीते मिलने हैं। इसके लिए साउथ अफ्रीका के विशेषज्ञों का दल 14-15 जून और फिर 5-6 सितंबर को भ्रमण करने के बाद कूनो को चीतो के लिए पूरी तरह मुफीद बता चुका है। नामीबिया से लाए गए चीतों की बसाहट के लिए कूनो में हुए प्रबंधों से भी साउथ अफ्रीका सरकार काफी संतुष्ट है। इसके बाद भारत सरकार साउथ अफ्रीका से पहली खेप में 12 चीते लाने की तैयारी कर रही है। कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने साउथ अफ्रीका से अाने वाले चीतों के लिए 8 बाड़े बनाने का काम शुरू कर दिया है। यह बाड़े नामीबिया से लाए गए चीतों के बाड़े से करीब एक किमी दूर जंगल के समतल इलाके में बनाए जा रहे हैं। जो 8 बाड़े बन रहे हैं, उनमें से एक बाड़े का आकार 50 बाय 30 मीटर का होगा। संभावना है कि साउथ अफ्रीका से आने वाले चीतों में 4 मादा व 8 नर होंगे। कूनो प्रबंधन के अनुसार इस साल के अंत तक साउथ अफ्रीका से चीते कूनो में बसा दिए जाएंगे।
एमओयू के लिए आनलाइन बैठक 4 को
साउथ अफ्रीका सरकार ने अभी चीते देने वाले एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसके लिए कूनो नेशनल पार्क भेजी गई विशेषज्ञ टीम की रिपोर्ट का इंतजार हो रहा था, जो सितंबर में साउथ अफ्रीका सरकार को मिल गई है। एमओयू के बाद ही चीतों को साउथ अफ्रीका से भारत लाया जाएगा। एमओयू हस्ताक्षण का दिन तय करने और चीतों की शिफ्टिंग की अन्य तैयारों को लेकर मंगलवार 4 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका सरकार व वन्यजीव विशेषज्ञों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस मीटिंग होगी। इस मीटिंग में मप्र के वनमंत्री विजय शाह, देश के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अफसर, भारतीय वन्यजीव संस्था देहरादून (डब्ल्यूडब्ल्यूआइ) के वरिष्ठ वैज्ञानिक वायपी झाला आदि शामिल होंगे।
– साउथ अफ्रीका से कई चरणों में चीते भारत लाए जाएंगे। पहले चरण में 12 चीते इस साल के अंत तक आएंगे, जिन्हें कूनो में छोड़ा जाएगा। जिस तरह नामीबिया के चीतों की बसाहट हुई, वही प्लान अफ्रीकन चीतों की शिफ्टिंग का रहेगा। 12 चीतों के लिए आठ बाड़े बनाने का काम शुरू हो गया है। 15 से 20 दिन में बाड़े बनकर तैयार हो जाएंगे। एमओयू के लिए बैठक 4 अक्टूबर को होनी है।
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