भोपाल
प्रदेश के 46 नगरपालिका और नगर परिषद में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी ने टिकट पर मंथन शुरू कर दिया है। साथ ही जिला अध्यक्ष, चुनाव और जिला प्रभारी को साफ निर्देश दिए हैं कि टिकट उन्हें ही दिया जाए जो जीतने वाला कैंडिडेट हो। जहां दिक्कत हो वहां प्रदेश संगठन की राय भी इस मामले में ली जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम के बाद प्रदेश में चुनाव वाले 18 जिलों में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। चूंकि कांग्रेस के साथ बीजेपी ने भी टिकट घोषित नहीं किए हैं, इसलिए पार्षद पद के लिए दावेदारी करने वाले भाजपा नेताओं द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर के यहां से नामांकन खरीदने का सिलसिला शुरू हो गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोमवार को हुई निकाय चुनाव संबंधी बैठक में प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने साफ कहा है कि किसी भी नगरपालिका और नगर पंचायत चुनाव में पार्टी को जीत चाहिए ही चाहिए। इसके लिए कैंडिडेट सिलेक्शन के साथ वोटर्स के साथ संवाद संबंधित नगरपालिका में पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी करें।
यह भी कहा गया है कि टिकट वितरण में जातीय समीकरण को भी ध्यान में रखा जा सकता है। पार्टी के पास वोटर्स की जानकारी है और यह भी पता है कि किस क्षेत्र में कौन से वर्ग के वोटर ज्यादा है, इसलिए टिकट वितरण में इसे भी ध्यान मेंं रखना है। अपराधी और बदमाश प्रवृति के लोगों को टिकट नहीं देने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि पार्टी की किरकिरी न हो।
चुनाव प्रभारियों ने शुरू की बैठक
पार्टी द्वारा संबंधित निकायों के लिए चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति किए जाने के बाद इन नेताओं ने संबंधित निकाय में पहुंचकर जिला प्रभारी और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक का दौर भी शुरू कर दिया है। संगठन ने जिन निकायों में वरिष्ठ नेताओं के दौरे की जरूरत होगी वहां उनकी चुनावी सभा कराने के संकेत भी दिए हैं।
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