भोपाल
मध्यप्रदेश में फिल्म की शूटिंग करने के लिए अब फिल्म निर्माता-निर्देशकों को महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आवेदन करने के पंद्रह दिन के भीतर उन्हें फिल्म की मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों और अन्य एतिहासिक स्थलों पर शूटिंग करने की अनुमति जिला कलेक्टर जारी कर देंगे।
राज्य सरकार ने इसे लोक सेवा गारंटी के दायरे में शामिल किया है। फिल्म शूटिंग के लिए अभी तक अनुमति लेने फिल्म निर्माता, निर्देशकों को अन्य अनुमतियां प्राप्त करने की शर्त पर महीनों बाद मिलती थी। इसके चलते कई बार फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए मौसम के अनुकूल समय में अनुमति नहीं मिलने से शूटिंग अगले साल के लिए टालना पड़ता था या फिर उस प्रतिकूल मौसम को दृश्य के मुताबिक अनुकूल बनाने के लिए अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ता था। लेकिन अब आवेदन करने के महज पंद्रह दिन में ही शूटिंग की अनुमति मिल जाएगी।
यदि कलेक्टर ने समय पर अनुमति नहीं दी तो फिल्म निर्माता संभागायुक्त को अपील कर सकेंगे। वे अगले पंद्रह दिन के भीतर अनुमति दिलवाने के लिए कलेक्टर को निर्देशित कर अनुमति दिलवाएंगे। इसके बाद भी यदि अनुमति नहीं मिलती है तो पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव को अपील की जा सकती है। वे इस मामले में हस्तक्षेप कर तुरंत अनुमति दिलाना सुनिश्चित कराएंगे।
अब नहीं होगी लेट-लतीफी
ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर ग्रामीणजनों को मकान बनाने के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। तहसीलदार, एसडीएम से लेकर पटवारी तक भवन निर्माण की अनुमति देने की प्रक्रिया में लेट-लतीफी करते है। कई बार तो अफसरों के सीट पर नहीं मिलने या समय नहीं देने के कारण भी देरी होती है। लेकिन ग्रामीणजनों को अब इससे निजात मिल सकेगी। उन्हें गांवों में भवन निर्माण की अनुमति अब केवल तीस दिन में मिल जाएगी। संबंधित ग्राम पंचायत का सचिव अपने अधिकारिता क्षेत्र में तीस दिन के भीतर यह अनुमति देगा। समय पर अनुमति नहीं मिलने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के यहां अपील की जा सकेगी। वे पंद्रह दिन में इस पर विचार कर अनुमति दिलाना सुनिश्चित करेंगे। इसके बाद भी कोई दिक्कत आती है तो कलेक्टर के यहां अपील की जा सकेगी।
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