
भोपाल
सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और इसके माध्यम से किसानों को उनकी फसल का और अधिक लाभ उपलब्ध कराने की मंशा से राष्ट्रीय स्तर पर को-ऑपरेटिव सेक्टर में निर्यात की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (एनसीईएल) का गठन किया। इसके माध्यम से किसानों को उनके उत्पाद में अधिक से अधिक लाभ मिल सकेगा। मंत्री सारंग प्रदेश के विभिन्न उत्पादों विशेष रूप से मसालों एवं हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के एक्सपोर्ट को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को भोपाल में राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मसालों के निर्यात को संस्थागत रूप से बढ़ावा देने के लिए नेशनल एक्सपोर्ट को-ऑपरेटिव लिमिटेड के साथ मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ और कृषि मंडी बोर्ड के बीच महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गये।
मंत्री सारंग ने कहा कि एनसीईएल के साथ राज्य संघ और मंडी बोर्ड का एमओयू मध्यप्रदेश के किसानों के लिए एक नया प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। इसके माध्यम से किसान अपने उत्पाद का निर्यात कर सकेंगे। अब किसानों के उत्पादों को उचित दाम तो मिलेगा ही साथ ही सहकारिता आंदोलन को मजबूती मिलेगी। मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश की 1578 सोसाइटियों ने एनसीईएल की मेंबरशिप ली है। इससे किसानों के उत्पाद निर्यात होंगे। मध्यप्रदेश किसानों के उत्पाद के लिए भी दुनिया में निर्यातक बनने का कीर्तिमान स्थापित करेगा और मध्यप्रदेश देश में नंबर एक होगा।
सहकारिता कृषि का महत्वपूर्ण अंग -मंत्री कंषाना
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एंदल सिंह कंषाना ने सहकारिता को कृषि का महत्वपूर्ण अंग बताया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है। हिंदुस्तान कृषि प्रधान देश है और मध्यप्रदेश देश में कृषि क्षेत्र में अग्रणी है। मध्य प्रदेश को सात बार कृषि कृर्मण अवार्ड भी मिला है।
उत्पाद को डिमांड के अनुसार पहुंचाने पर मिलेगा सही दाम-एसीएस वर्णबाल
अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णबाल ने कहा कि एमओयू के जरिये किसानों के उत्पाद को डिमांड के अनुसार पहुंचाने पर सही दाम मिल सकेगा। देश पहले उत्पादों का आयात करता था, अब निर्यात के जरिए इंटरनेशनल मार्केट तक उत्पाद पहुंचाकर सही दाम प्राप्त कर सकेगा। मध्यप्रदेश की धान, मसाले, धनिया, मिर्ची, केले आदि का काफी निर्यात होता है, अब किसानों को इसका सीधा लाभ मिल सकेगा।
एनसीईएल के एमडी अनुपम कौशिक ने कहा कि मध्यप्रदेश के विशिष्ट उत्पादों और किसानों को अब सीधे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ेंगे, जिसके जरिए उनकी आय में वृद्धि होगी। सहकारिता से समृद्धि और निर्यात से उन्नति की दिशा में हम प्रयासरत है। मध्यप्रदेश सरकार एवं उनके विभिन्न विभाग के सहयोग और समर्थन से हम आगे बढ़ेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष समारोह के अंतर्गत यह आयोजन एनसीईएल और मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यशाला में ‘मध्यप्रदेश के किसानों को निर्यात के लिये सक्षम बनाना’ विषयक संयुक्त उत्पाद संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
कार्यशाला में प्रदेश भर से लघु एवं मध्यम स्तर के मिर्च, धनिया, लहसुन आदि मसाला उत्पादक किसान, हस्तशिल्प निर्माता, सहकारी समितियाँ, एफपीओ तथा अन्य उत्पादक समूह ने भाग लिया। विशेषज्ञों द्वारा निर्यात प्रक्रिया, अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और बाजार उपलब्धता जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए गये।
कार्यशाला में प्रबंध संचालक विपणन संघ आलोक कुमार सिंह, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड कुमार पुरूषोत्तम सहित सहकारिता एवं कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। अंत में सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक मनोज पुष्प ने आभार माना।
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