
उज्जैन
उज्जैन में हर साल सावन भादो मास में बाबा महाकाल (Mahakal) की सवारी निकाली जाती है। ये ऐसा समय होता है, जब दुनिया भर से भक्त उज्जैन पहुंचते हैं और राजाधिराज के दर्शन करते हैं। हर सोमवार को निकालने वाली सवारी में भोलेनाथ अलग-अलग रूपों में नजर आते हैं।
आज बाबा महाकाल की तीसरी सवारी निकलेगी। इससे पहले सुबह मंदिर में स्वस्ति वाचन कर चांदी के कपाट खोले गए। कर्पूर आरती के साथ नंदी हॉल में स्नान, ध्यान, पूजन के पश्चात बाबा महाकाल का दूध, दही, शक्कर, शहद, घी और फलों के रस से पूजन किया गया।
बाबा महाकाल का श्रृंगार
पंचामृत पूजन अभिषेक के बाद चंदन, ड्राई फ्रूट, भांग, मुकुट, आभूषण त्रिशूल, रजत चंद्र के साथ बाबा का श्रृंगार किया गया। किसी के साथ रुद्राक्ष और मुंड माल के साथ फूलों की माला चढ़ा कर मिष्ठान का भोग लगाया गया।
निकलेगी महाकाल की सवारी
परंपरा के मुताबिक आज 4 बजे महाकाल की तीसरी सवारी सभा मंडप में पूजन अर्चन के बाद नगर भ्रमण पर रवाना होगी। आज महाकाल तीन स्वरूप में भक्तों को दर्शन देने वाले हैं। पालकी में चंद्रमौलेश्वर हाथी पर मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव की प्रतिमा दिखाई देगी। इस बार सारी सवारी अलग-अलग थीम पर निकाली जा रही है और आज की थीम बैंड पर आधारित है। इसके तहत होमगार्ड, पुलिस आर्मी और निजी बैंड अपनी प्रस्तुति देंगे।
कहां से निकलेगी सवारी
सवारी अपने परंपरागत मार्ग कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से पूजन अभिषेक के बाद रामानुज कोट, कार्तिक चौक, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए सवारी पुनः मंदिर पहुंचेगी।
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