
इंदौर
पंधाना विधायक छाया मोरे ने गुरुवार शाम राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात कर खंडवा और बुरहानपुर जिले को जबलपुर की बजाय इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ से जोड़ने की मांग की।
विधायक मोरे ने कहा कि इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ से जुड़ने पर दोनों जिलों की दूरी मात्र 130 से 200 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे आम नागरिकों को सस्ता और त्वरित न्याय मिल सकेगा। इससे पहले 29 जुलाई को उन्होंने यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया था, जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, मंत्री प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस मांग का समर्थन किया था।
राज्यपाल ने आश्वस्त किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में इस मामले को राष्ट्रपति स्तर का बताते हुए आश्वासन दिया था। राज्यपाल ने भी विधायक मोरे को आश्वस्त किया कि वे इस विषय में राष्ट्रपति और जबलपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
अधिवक्ताओं ने की इस पहल की सराहना
क्षेत्र के अधिवक्ताओं ने विधायक मोरे की इस पहल की सराहना की है। अधिवक्ता संघ पहले भी इस मुद्दे पर सरकार को कई बार ज्ञापन दे चुका है, लेकिन पहली बार यह मामला विधानसभा में उठा और अब प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश में न्यायिक क्षेत्र में होगा बड़ा बदलाव, जबलपुर और इंदौर हाईकोर्ट के इलाके बदलेंगे, सीएम का आश्वासन
मध्यप्रदेश में जल्द ही न्यायिक क्षेत्राधिकारों में बड़ा बदलाव होगा। जबलपुर और इंदौर हाइकोर्ट के न्यायिक क्षेत्र में यह परिवर्तन किया जाएगा। विधानसभा में खंडवा को जबलपुर की बजाय इंदौर हाईकोर्ट से जोड़ने की मांग उठी। पंधाना विधानसभा सीट की विधायक छाया मोरे ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने जबलपुर की अत्यधिक दूरी और इंदौर से करीबी का हवाला देते हुए खंडवा को इंदौर हाइकोर्ट से जोड़ने की मांग की। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधायक की इस मांग का समर्थन किया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मुद्दे पर विधायक की मांग पर अपनी सहमति व्यक्त की। इसपर सीएम डॉ. मोहन यादव ने उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया।
मध्यप्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। सत्र के दूसरे दिन प्रदेश के न्यायिक क्षेत्राधिकारों में बदलाव की बात उठी। इस मुद्दे पर विधायकों और सरकार के वरिष्ठ मंत्री में सहमति दिखाई दी जिसपर सीएम डॉ मोहन यादव ने उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।
पंधाना की विधायक छाया मोरे ने मुद्दा उठाया
विधानसभा में खंडवा जिले की पंधाना की विधायक छाया मोरे ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंनेे खंडवा को जबलपुर हाइकोर्ट के क्षेत्राधिकार से हटाकर इंदौर हाईकोर्ट से जोड़ने की मांग की। इसके लिए दोनों शहरों की दूरी का हवाला दिया। खंडवा से जबलपुर 477 किमी दूर है जबकि इंदौर की दूरी महज 130 किमी है।
संसदीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी सहमति जताई
विधायक छाया मोरे के मुताबिक इंदौर हाईकोर्ट से जोड़ दिए जाने पर खंडवा के लोगों को सुविधा होगी। यहां के लोगों के पैसों और समय की बर्बादी रुकेगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनकी इस बात का समर्थन किया। प्रदेश के संसदीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस पर सहमति जताई।
परिसीमन आयोग का जिक्र
विधायकों और संसदीय कार्यमंत्री की सहमति देख सीएम डॉ. मोहन यादव ने उचित कार्यवाही के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने इसके लिए सरकार द्वारा बनाए गए परिसीमन आयोग का जिक्र भी किया।
बता दें कि खंडवा के साथ ही बुरहानपुर जिले को भी जबलपुर हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार से हटाकर इंदौर से जोड़ने की लंबे अर्से से मांग की जा रही है। बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल इसके लिए दिल्ली में केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी आग्रह कर चुके हैं।
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