ग्वालियर
सत्र 2022-23 के तहत कालेजों में स्नातक-स्नातकोत्तर की कक्षाएं लगाना शुरू हो चुकी है। विद्यार्थियों की संख्या भी दिन ब दिन बढ़ने लगी। अब छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के माध्यम से सामाजिक गतिविधियों से जुड़ने को कहा जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रत्येक कॉलेजों को अपने-अपने जिले के एक-एक गांव को गोद लेने की बात कहीं है। ताकि गांव के विकास पर ध्यान दिया जा सके। इस काम के लिए एनएसएस की इकाइयों की मदद लेना है। स्वस्थ्य व शिक्षा से जुड़ी योजना व जागरूकता को लेकर शिविर लगाना होंगे।
विभाग ने कॉलेजों में एनएसएस इकाइयों के लिए निर्देश जारी किए है। इनकी गतिविधियों पर कॉलेज के प्राचार्यों को निगरानी करना है। यहां तक प्रत्येक कॉलेजों को अनुभवी शिक्षक को एनएसएस की जिम्मेदारी सौंपा है। गांव को गोद लेने की प्रक्रिया सितंबर तक पूरी करना है। पहले गांव का सर्वे करना है। फिर गांव में विकास से जुड़े कार्य बताना है। स्वास्थ्य और शिक्षा से जुडी योजना के बारे में ग्रामीणों को बताना है और जागरूक करने के लिए शिविर लगाना है। पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित करना है। यहां तक गांवों में हरियाली बढ़ाने से जुड़े अभियान चलाना है। जबकि बच्चों का स्कूल में दाखिला करवाना।
विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देना जरूरी
विभाग ने प्रत्येक प्राचार्य को एनएसएस से जुड़े विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिलवाना है। ताकि सरकारी की विभिन्न योजना को समझकर ग्रामीणों को बता सके। हर महीने एनएसएस की गतिविधियां आयोजित करना है। इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजना है। प्रत्येक एनएसएस इकाइयों को गांवों में जाकर पौधरोपण भी करना है, जिसमें ग्रामीणों की भागीदारी भी जरूरी है। यहां तक जैसे स्कूल, पंचायत भवन. स्वस्थ्य केंद्र सहित सरकारी भवन के आसपास भी पौधे लगाना है।
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