December 23, 2024

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विश्व आत्म हत्या रोकथाम दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया पौधरोपण

 

 

  •   बरगद, कदम्ब, नीम और गुलमोहर के लगाए पौधे
  • मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने भी किया पौधरोपण
  • प्रदेशवासियों को दिया “से यस टू लाइफ“ का संदेश

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व आत्म हत्या रोकथाम दिवस (10 सितम्बर) पर भोपाल के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के साथ पौधरोपण किया। डॉ. त्रिवेदी के साथ आईं उनकी माता श्रीमती प्रभा देवी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा की जा रही सी.एम. राइज स्कूल की पहल से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री श्री चौहान को आशीर्वाद स्वरूप पेन भेंट किया। श्रीमती प्रभा देवी शिक्षिका रहीं हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मार्ट सिटी उद्यान में बरगद, नीम, कदम्ब और गुलमोहर के पौधे लगाए। पौधरोपण में दस्ताऩ-ए-उड़ान संस्था के आशुतोष सेंगर, अभिषेक त्रिपाठी, भूपेन्द्र यादव तथा शुभम यादव भी सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्व आत्म हत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के साथ प्रदेशवासियों को “से यस टू लाइफ” का संदेश दिया। डॉ. त्रिवेदी आत्महत्या के विरुद्ध “से यस टू लाइफ”अभियान चला रहे है। डॉ. त्रिवेदी का मानना है कि वृक्ष हमें आशावाद सिखाते हैं। स्वभाव में लचीलनेपन की सीख हमें पेड़-पौधों से मिलती है। वे बदलाव के समय का कोई प्रतिरोध नहीं करते, अपितु बिना विरोध किए स्वयं को सर्दी, गर्मी, धूप, वर्षा और पतझड़ के अनुसार बदल लेते हैं। वृक्ष हमें बाहरी संकटों से संघर्ष की सीख भी देते हैं।  पौधे से वृक्ष बनाना हमें संघर्ष करना सिखाता है। प्राणवायु और फल देने के बाद भी वृक्ष कभी अपने आप को अधिक श्रेष्ठ और दूसरों को कमतर नहीं मानते हैं, क्योंकि विनम्रता ही वृक्ष का स्वभाव है।

दास्तान-ए-उड़ान संस्था विगत तीन वर्षों से भोपाल, सतना और बीना जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ी संख्या में पौधे रोपित कर चुकी है। संस्था बेजुबान पक्षियों के लिए सकोरा अभियान भी चलाती है। कोविड महामारी के दौरान संस्था के द्वारा राहत गतिविधियों का संचालन भी गया है।

बरगद का धार्मिक औषधीय व पर्यावरणीय महत्व है। गुलमोहर की सुव्यवस्थित पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल इस वृक्ष को अलग ही आकर्षण प्रदान करते हैं। यह वृक्ष औषधीय गुणों से भी समृद्ध है। एंटीबॉयटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। भारत में हर जगह कदंब का वृक्ष पाया जाता है। कदंब का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है। एंटीबॉयटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है।