
उज्जैन
भगवान महाकाल को त्रिलोकीनाथ अर्थात तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है। लेकिन लौकिक जगत में उनकी ख्याति उज्जैन के राजा के रूप में भी है। इसीलिए प्रतिवर्ष विजय दशमी पर वे एक राजा के रूप में शमी वृक्ष का पूजन करने दशहरा मैदान जाते हैं। साल में यह एक मात्र अवसर होता है जब अवंतिकानाथ नए शहर फ्रीगंज पधारते हैं। इस बार 2 अक्टूबर को राजसी वैभव के साथ भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी।
पं.महेश पुजारी ने बताया दशहरा विजय उत्सव है। इस दिन राजा महाराजा सर्वत्र विजय की कामना से शमी वृक्ष का पूजन कर नगर सीमा का उल्लंघन करते हैं। यह परंपरा आदि अनादिकाल से चली आ रही है। भगवान महाकाल उज्जैन के राजा हैं, इसलिए वे भी लोकमंगल की कामना से शमी वृक्ष का पूजन करने दशहरा मैदान जाते हैं।
हर साल दशहरे के दिन शाम चार बजे ठाठ बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। भगवान पुराने शहर से होते हुए फ्रीगंज ओवरब्रिज के रास्ते नए शहर फ्रीगंज में प्रवेश करते हैं तथा दशहरा मैदान पहुंचते हैं। इस बार 2 अक्टूबर को दशहरा मैदान पर विजय उत्सव मनाया जाएगा। कलेक्टर रौशन कुमार सिंह तथा एसपी प्रदीप शर्मा भगवान महाकाल व शमी वृक्ष की पूजा अर्चना करेंगे।
यह रहेगा सवारी मार्ग
महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे राजसी वैभव के साथ सवारी की शुरु होकर कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, सराफा, सतीगेट, कंठाल, नईसड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुंडा चौराहा, फ्रीगंज ओवर ब्रिज, टावर चौक, शहीदपार्क, पुराना कलेक्टर बंगले के सामने से दशहरा मैदान पहुंचेगी। यहां भगवान महाकाल व शमी वृक्ष का पूजन किया जाएगा। पूजन पश्चात सवारी निर्धारित मार्गों से होते हुए रात करीब 8 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
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