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इंदौर
इंदौर सेंट्रल जेल (Jail) में बंद कम्प्यूटर बाबा (Computer baba) को जम़ानत मिल गयी है. रात तक उनकी रिहाई हो सकती है. एसडीएम कोर्ट ने सशर्त पांच लाख की बैंक गारंटी पर जमानत के आदेश दिए. इंदौर के नज़दीक गोम्मटगिरी इलाके में अवैध निर्माण के करण आश्रम गिराने का विरोध करने पर बाबा सहित 7 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था. बाकी समर्थकों को पहले ही बेल हो चुकी है.
इससे पहले लग रहा था कि इंदौर सेंट्रल जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा की दीपावली भी जेल में ही मनेगी. एसडीएम कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका फिर निरस्त कर दी थी. आश्रम का अवैध कब्ज़ा ढहाने गयी सरकारी टीम के काम में बाधा डालने के कारण कम्प्यूटर बाबा 8 नवंबर से जेल में थे.
इंदौर में सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर आलीशान आश्रम बनाकर रह रहे नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा की जमानत याचिका एसडीएम राजेश राठौर की कोर्ट ने निरस्त कर दी थी.जमानत निरस्त होने का एक कारण ये भी था कि कोर्ट के समक्ष आवेदन के साथ जमानत राशि 5 लाख स्र्पये जमा नहीं किए गए थे.
सरकारी काम में बाधा
प्रशासन और पुलिस की टीम ने 8 नवंबर को बुलडोजर और जेसीबी मशीनों से बाबा का आश्रम ढहा दिया था. विरोध करने पर प्रशासन ने बाबा सहित उनके सात समर्थकों को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया था. अगले दिन समर्थकों को तो जमानत मिल गई,लेकिन बाबा की जमानत अर्जी निरस्त कर दी गई थी. तब से कम्प्यूटर बाबा जेल में ही हैं.
8 नवंबर को ढहाया आश्रम
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के दौरान सरकार के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकालने वाले कंप्यूटर बाबा उर्फ नामदेव दास त्यागी का आश्रम 8 नवंबर को जमींदोज कर दिया गया था. इंदौर शहर से सटे जम्बूडी हप्सी गांव में गोम्मटगिरी पर बने आलीशान आश्रम को प्रशासन ने ढहा दिया था. सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने की कार्रवाई के दौरान आश्रम से बंदूकें और तलवारें भी मिली थीं.
80 करोड़ रुपए की 46 एकड़ जमीन पर कब्जा
कम्प्यूटर बाबा के जिस गोम्मटगिरी आश्रम को ढहाने के साथ-साथ प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा समेत 7 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. बताया गया कि एयरपोर्ट रोड पर जम्बूडी हप्सी गांव में बाबा ने गौशाला की 80 करोड़ रुपए की 46 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा था. इसमें से 2 एकड़ जमीन पर आश्रम बना था. प्रशासन ने 2 महीने पहले कंप्यूटर बाबा को नोटिस भी भेजा था, लेकिन बाबा की तरफ से न तो कागज पेश किए गए और न ही कब्जा हटाया गया. इसके बाद ही एडीएम अजयदेव शर्मा ने नगर निगम की टीम और पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर आश्रम पर बुलडोजर चलवा दिया.
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