भोपाल
मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा में उपचुनाव में वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. इन सीटों पर टोटल पोलिंग बूथ 9361 हैं. इनमें 1441 सहायक मतदान केंद्र हैं. 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में 18 फ़ीसदी पोलिंग बूथ बढ़ाए गए. इस बार 3038 संवेदनशील पोलिंग बूथ हैं. इन सभी सीटों पर टोटल वोटर्स 63.68 लाख हैं. इनमें 33.72 लाख पुरुष, 29.77 लाख महिला, 198 थर्ड जेंडर और 18737 सर्विस वोटर्स हैं. 80 साल से अधिक उम्र के 71627 और दिव्यांग 55329 वोटर्स हैं. मतदान संपन्न कराने में 56 हजार मतदान कर्मी की ड्यूटी लगी है.
28 विधानसभा सीटों के लिए जिलों में 24003 बैलेट यूनिट, 23558 कंट्रोल यूनिट, 23053 वीवीपेट उपलब्ध करा दी गई है. मतदान पर्ची के साथ 13 प्रकार के दस्तावेज आधार कार्ड,मनरेगा जॉब कार्ड, पैन कार्ड, बैंक डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम योजना स्वास्थ्य बीमा योजना के स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, कर्मचारियों को जारी की गई फोटो पहचान पत्र, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के स्मार्ट कार्ड, फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज, सांसद विधायक विधान परिषद के सदस्य द्वारा जारी पहचान पत्र में से एक लाना जरूरी है.
वोटिंग के दौरान आयोग के दिशा निर्देश
- वोटर्स को मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा, उन्हें मतदान केंद्र पर मास्क उपलब्ध कराया जाएगा.
- पोलिंग बूथ पर सैनिटाइजर साबुन और पानी की उपलब्धता रहेगी.
- सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा.
- पोलिंग बूथ पर मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कोविड-19 का प्रचार प्रसार होगा.
- मतदान केंद्रों पर निर्वाचको की थर्मल जांच की जाएगी.
- मतदाता का तापमान अधिक होने पर उन्हें टोकन दिया जाएगा. मतदान के अंतिम घंटे में कोविड-19 प्रतिरोधक का पालन करते हुए मतदाता से मतदान कराया जाएगा.
- मतदान लाइन में 15-20 व्यक्तियों के लिए 6 फीट की दूरी पर निर्धारित गोले बनाए जायेंगे.
- मतदान स्थलों पर मेडिकल वेस्ट मटेरियल के लिए व्यवस्था की जाएगी.
मॉक पोल के लिए व्यवस्था
वास्तविक वोटिंग शुरू होने से 90 मिनट पहले उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में प्रत्येक मतदान केंद्र पर कम से कम 50 वोट डालने के द्वारा एक मॉल आयोजित किया जाएगा. कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट पर्चियों की गिनती के इलेक्ट्रॉनिक रिजल्ट से मिलान कर उन्हें देखा जाएगा. पीठासीन अधिकारी द्वारा मॉक पोल के सफल आयोजन का प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. मॉक पोल के बाद कंट्रोल यूनिट पर क्लियर बटन दबाएं जाकर मॉक पोल का डाटा क्लियर होता है और इसके बाद वोटिंग शुरू होगी.
उपचुनाव में सुरक्षा का कड़ा पहरा
- 28 विधानसभा सीटों पर केंद्रीय पुलिस बलों की 84 कंपनियां तैनात. एक कंपनी में 100 जवान की तैनाती.
- टोटल करीब 38 हजार पुलिस फोर्स तैनात.
- ग्वालियर चंबल संभाग में टोटल फोर्स का 60 फीसदी 22800 पुलिस जवान तैनात.
- 2500 SAF जवान, 10 हजार जिला पुलिस बल, 7 हजार होमगार्ड, 10 हजार विशेष पुलिस अधिकारी,
- 250 उड़न दस्ते की टीम, 173 स्टेटिक सर्विलांस टीम, कई विधानसभाओं में ड्रोन से सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जायेगी.
- दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलट जारी किए गए. उनके सहायक की व्यवस्था की गई है। व्हीलचेयर की व्यवस्था भी की गई है.
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