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धार
शहर के कुछ किमी दूर ग्राम सुल्तानपुर के पास दो गांवों में सात घंटे के भीतर दो मासूमों पर तेंदुए ने हमला किया। पहला हमला अंबाकुड़ी गांव के क्षेत्र में हुआ। जहां 60 साल की दादी ने पत्थर मारकर और शोर मचाकर चार साल की पोती को बचा लिया। इस हमले के बाद 7 घंटे बाद तेंदुआ पिता के सात खाट पर सोई 7 साल की मासूम गड़िया को उठा लेकर गया। पिता और अन्य लोग पीछे दौड़े, लेकिन बेटी को नहीं बचा सके। तेंदुए ने गर्दन पर वार किया था, इससे उसकी मौत हो गई।
बुधवार रात करीब 12 बजे गनियाराम फलिए में तेंदुए ने हमला कर दिया। 7 साल की गुड़िया अपने पिता सूरसिंह बामनिया के साथ घर बाहर आंगन में पलंग पर सो रही थी। अचानक हमले में पिता सूरसिंह की नींद खुल गई। तेंदुआ गुड़िया को पिता के सामने उठाकर ले गया। पिता और ग्रामीणों ने पीछा किया तो तेंदुआ बालिका को छोड़कर भाग गया। लेकिन बालिका की मौत चुकी थी। सूचना पर अमझेरा से 100 डायल मौके पर पहुंची। सैनिक कैलाश बंजारा और चालक ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। गांव में वन विभाग और पुलिस की टीम पहुंची। सुबह बालिका का शव अमझेरा स्वास्थ्य केंद्र में पीएम के लिए लाया गया।
सूचना पर अमझेरा से 100 डायल मौके पर पहुंची। सैनिक कैलाश बंजारा और चालक अफताफ खान ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। गांव में वन विभाग और पुलिस की टीम पहुंची। ग्रामीणों ने रात भी जागकर रात गुजरी। सुबह बालिका के शव अमझेरा स्वास्थ्य केंद्र में पीएम के लिए लाया गया।
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