मुंबई
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने विजय हजारे ट्रॉफी की टीम से बाहर किये जाने पर पृथ्वी शॉ की भड़ास को तूल नहीं देते हुए कहा कि वह लगातार अनुशासन तोड़ता रहा है और अपना दुश्मन खुद है। एमसीए के एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि खराब फिटनेस, रवैये और अनुशासन मसले के कारण कई बार टीम को मैदान पर उसे छिपाने पर मजबूर होना पड़ता था। शॉ ने 16 सदस्यीय विजय हजारे ट्रॉफी टीम में जगह नहीं मिलने पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये गुस्सा निकाला था। वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने वाली मुंबई टीम का हिस्सा थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हम दस फील्डरों के साथ खेल रहे थे क्योंकि शॉ को छिपाना पड़ता था। गेंद उसके पास से निकल जाती थी और वह पकड़ नहीं पाता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी के दौरान भी उसे गेंद तक पहुंचने में दिक्कत हो रही थी। उसकी फिटनेस, अनुशासन और रवैया खराब है और अलग-अलग खिलाड़ी के लिये अलग नियम नहीं हो सकते। टीम में सीनियर खिलाड़ी भी उसके रवैये की शिकायत करने लगे थे।’’
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान शॉ नियमित तौर पर अभ्यास सत्रों से नदारद रहे और पूरी रात बाहर रहने के बाद सुबह छह बजे टीम होटल पहुंचते थे। अधिकारी ने कहा कि मैदान से बाहर की हरकतों के कारण अधिक चर्चा में रहने वाले शॉ अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं और इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट से उनका कुछ भला नहीं होने वाला। इससे पहले अक्टूबर में मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम से भी शॉ को इन्हीं कारणों से बाहर कर दिया गया था।
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