नईदिल्ली
न्यूजीलैंड की टीम 3-0 से भारत को भारत में हराकर अपने देश लौटी। वहां न्यूजीलैंड को अपने घर पर इतने ही मैचों की सीरीज इंग्लैंड से खेलनी थी। इंग्लैंड की टीम पाकिस्तान से 2-1 से हारकर आई थी। ऐसे में सीरीज के दिलचस्प होने की उम्मीद थी। हालांकि, पहले दो मैच न्यूजीलैंड की टीम हार गई और सीरीज भी गंवा बैठी। ऐसे में तीसरे मैच में न्यूजीलैंड फ्रंटफुट पर रहकर भी बैकफुट पर थी, क्योंकि टीम के पास 650 से ज्यादा रनों की बढ़त थी, लेकिन फिर भी उन्होंने पारी की घोषणा नहीं की। ऐसे में कहा जा सकता है कि इंग्लैंड की बैजबॉल क्रिकेट का खौफ शायद न्यूजीलैंड की टीम को रहा होगा।
इस मैच की बात करें तो इंग्लैंड की टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। कप्तान का फैसला सही साबित नहीं हुआ, क्योंकि 347 रन न्यूजीलैंड ने पहली पारी में बना दिए। इंग्लैंड के पास मौका था कि एक बड़ी पारी के जरिए इस स्कोर को मैच किया जाए, लेकिन टीम पर फॉलोऑन का खतरा आ गया। टीम 143 रन पर ढेर हो गई। हालांकि, न्यूजीलैंड ने यहां भी इंग्लैंड को फॉलोऑन नहीं दिया। न्यूजीलैंड को पहला डर तो यहीं से आ गया था कि वे बैजबॉल क्रिकेट खेलकर इस मैच में आगे निकल सकते हैं। उनको शायद अपनी परिस्थितियों पर ज्यादा भरोसा ही नहीं रहा होगा।
इसके बाद जब न्यूजीलैंड की टीम दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो उसने 453 रन बना दिए। टीम के पास पहले से ही 200 से ज्यादा रनों की बढ़त थी और जब 500, 550, 600 और 650 रनों की बढ़त हो गई तो भी कीवी टीम ने पारी की घोषणा नहीं की। हालांकि, 453 रनों पर इंग्लैंड ने दूसरी पारी में न्यूजीलैंड को रोका और इस तरह इंग्लैंड के सामने 658 रनों का लक्ष्य था। इसके जवाब में तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक दो विकेट इंग्लैंड ने खो दिए। मैच जीतने से न्यूजीलैंड की टीम 8 विकेट दूर है, लेकिन सवाल यही है कि शायद बैजबॉल के खौफ से न्यूजीलैंड ने पारी घोषित नहीं की।
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