नारायणपुर
नारायणपुर ओरछा से महज 20 किलोमीटर दूरी पर बसा छोटे से गांव आसनार का रहने वाला विशेष पिछड़ी जनजाति अबुझमाड़िया आदिवासी परिवार से संबंध रखने वाला बालक राजेश कोर्राम 12 साल की उम्र में छह गोल्ट मेडल जीत चुका है।
इनके पिता रामा कोर्राम और माता मासे बाई के तीन बेटे और तीन बेटियां है। जिसमें सबसे छोटा बेटा राजेश कोर्राम है। पूरा परिवार आज नारायणपुर के छोटे से मुहल्ले आश्रम वार्ड इमलीपदर में रह रहा है। इनके पिता शहर के कोसा सेंटर में 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से काम करता है। जिसमें इनका पूरा परिवार का गुजारा पिता के कामों के पैसे से होता है, जो इतने बड़े परिवार का देख भाल खुद को कर पाना मुश्किल होता है।
लेकिन घर का छोटा बेटा (राजेश कोर्राम) पूरे परिवार का पालन पोषण का जिम्मा खेल के माध्यम से मिले रहे स्कालरशिप से कर रहा है और आज यह एक मलखंभ का राष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी है जो महज 12 साल का है, जिन्होंने छह साल की कठिन परिश्रम से वह हासिल किया जो आदिवासियों बच्चों में बहुत कम अवसर प्राप्त होता है।
वजह एक अच्छे कोच का होना जो इनकी प्रतिभा को समझ सके आज वही हो रहा है, जिसमें राजेश अपनी प्रतिभा को खेल में सही अनुशासन से अच्छे खिलाड़ी बनकर अब तक अपने नाम का कई रिकार्ड हासिल कर पाया है। जिनके अद्भुत प्रदर्शन से वह छह राष्ट्रीय स्पर्धा में 6 स्वर्ण पदक का हकदार हुआ है। जिसमे अपने उम्र से 18 साल बड़े खिलाड़ियों को भी मात दी है।
इन्ही सब प्रदर्शन से आज यह छोटा सा बालक भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित खेल 36वां नेशनल गेम्स 2022 गुजरात मे होने वाले स्पर्धा में खेलने जा रहा है। जहा पहुंच पाना हर किसी के लिए चुनौती और बड़ी संघर्ष का रास्ता होता है लेकिन यह छोटा सा बालक आज छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक टीम में खुद को खेल में प्रदर्शित करेगा।
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