
नई दिल्ली
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने बृहस्पतिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के ज्यादातर कप्तानों की सहमति के बाद आगामी चरण में गेंद पर लार के इस्तेमाल से प्रतिबंध हटा दिया है। मुंबई में कप्तानों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, ‘लार पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। अधिकांश कप्तान इस कदम के पक्ष में थे।' अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कोविड-19 महामारी के दौरान एहतियात के तौर पर गेंद को चमकाने के लिए लार लगाने की सदियों पुरानी प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था और बाद में 2022 में विश्व संस्था ने इस प्रतिबंध को स्थायी कर दिया था।
आईपीएल ने भी कोविड-19 महामारी के बाद लीग में खेल की शर्तों में आईसीसी प्रतिबंध को शामिल किया, लेकिन इसके दिशानिर्देश खेल की संचालन संस्था के दायरे से बाहर हैं। इस तरह बृहस्पतिवार को लिए गए इस फैसले से आईपीएल कोविड-19 महामारी के बाद लार के उपयोग को फिर से शुरू करने वाला पहला बड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट बन गया है।
क्या होगा इसका असर
क्रिकेट में गेंद पर स्लाइवा (थूक) लगाने से गेंद की स्विंग और रिवर्स स्विंग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। नई गेंद पर एक तरफ चमक बनाए रखने से हवा की गति प्रभावित होती है। जिससे गेंदबाज उसे स्विंग करा सकते हैं। पुरानी गेंद के एक तरफ चमक बनाए रखने और दूसरी तरफ उसे अधिक खुरदरा छोड़ने से गेंद उल्टी दिशा में स्विंग करने लगती है जिससे बल्लेबाज को खेलना मुश्किल हो जाता है।
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