नई दिल्ली पटना
नीतीश कुमार ने बिहार में पालादल लिया है और अब वह एनडीए की बजाय महागठबंधन के सीएम बन चुके हैं। इसके बाद भी राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर हरिवंश नारायण सिंह ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। यही नहीं पार्टी की लाइन से इतर वह इस पद पर बने भी रहेंगे। खुद जेडीयू के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने यह बात कही है। उनका कहना है कि हरिवंश सिंह को अपने पद से इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन से जेडीयू का अलग होना राजनीतिक फैसला है, जबकि वह एक सदन में डिप्टी स्पीकर हैं, जिससे इसका कोई लेना-देना नहीं है।
ललन सिंह ने कहा कि हरिवंश सिंह ने खुद ही नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के फैसले की सराहना की है। ललन सिंह ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, 'राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन का पद सदन से जुड़ा मामला है। इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। ललन सिंह ने कहा कि हरिवंश ने कहा है कि मैं नीतीश कुमार जी की वजह से ही सार्वजनिक जीवन में हूं। महागठबंधन के साथ जाने का जो फैसला उन्होंने लिया है, मैं उसके साथ हूं। हालांकि खुद हरिवंश सिंह ने अब तक इस मसले पर सामने आकर कोई टिप्पणी नहीं की है।
ललन सिंह ने कहा कि राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ था और कई गैर-एनडीए दलों ने भी हरिवंश के लिए वोट किया था। बता दें कि जेडीयू के अलगाव के बाद राज्यसभा में एनडीए की ताकत भी कम हो गई है। फिलहाल सदन में 237 सदस्य हैं और जेडीयू के अलग होने के बाद एनडीए का आंकड़ा 109 पर आ गया है। साफ है कि एनडीए के लिए अब किसी भी बिल को पास कराना थोड़ा और चुनौतीपूर्ण होगा। हालांकि वाईएसआर कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीजेडी जैसे दलों ने कई मौकों पर एनडीए को समर्थन दिया है।
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