नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लगभग एक दशक तक इस पद की ज़िम्मेदारी संभाली थी। हालांकि आनंद शर्मा अभी भी कांग्रेस के सदस्य बने रहेंगे। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि विभाग का पुनर्गठन हो और पार्टी में युवा नेताओं को शामिल किया जा सके।
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा पत्र
आनंद शर्मा ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र के ज़रिए सौंपा। पत्र में उन्होंने लिखा, "मुझे यह ज़िम्मेदारी देने के लिए मैं पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं विदेश विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंप रहा हूं ताकि इसका पुनर्गठन हो सके।"
उन्होंने यह भी बताया कि उनका विभाग पिछले कई दशकों से दुनिया भर के राजनीतिक दलों के साथ कांग्रेस के संबंधों को मजबूत करने में सक्रिय रहा है जो लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मूल्यों को साझा करते हैं।
कौन हैं आनंद शर्मा?
आनंद शर्मा कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य हैं और पिछले चार दशकों से अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर पार्टी का एक प्रमुख चेहरा रहे हैं। उन्होंने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की बातचीत में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और पहली भारत-अफ्रीका शिखर बैठक आयोजित करने में भी उनका योगदान रहा है।

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