नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने चुनाव के दौरान पैसे बांटने के आरोपों में घिरने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में तावड़े ने कहा है कि अगर आरोपों के सबूत नहीं दिए गए तो वह माफी मांगें, अन्यथा उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा।
नोटिस में क्या है?
विनोद तावड़े ने अपने नोटिस में कहा कि वह 40 साल से राजनीति में हैं और आज तक उनके खिलाफ किसी प्रकार का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। तावड़े ने कहा कि जो आरोप उनके खिलाफ लगाए गए हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। उनका कहना था कि इन झूठे आरोपों से उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई है। तावड़े ने आरोप लगाया कि यदि राहुल गांधी, खरगे और सुप्रिया सुले इस बारे में कोई ठोस सबूत नहीं दिखाते तो वे माफी मांगें, नहीं तो वह 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा करेंगे।
यह मामला क्या है?
18 नवंबर को नालासोपारा विधानसभा के विरार में एक होटल में विनोद तावड़े बैठे थे, उसी दौरान बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के विधायक क्षितिज ठाकुर और उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि तावड़े वहां पैसे बांट रहे थे। ठाकुर के समर्थकों ने तावड़े को घेर लिया और 9 लाख रुपये बरामद करने का दावा किया, जिसे उन्होंने प्रशासन को सौंप दिया। ठाकुर ने कहा कि उनके समर्थकों ने एक डायरी भी पाई, जिसमें लेन-देन का जिक्र था। वहीं, तावड़े ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह केवल कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे थे। इस मामले के बाद चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की।
राहुल गांधी और खरगे ने उठाए थे सवाल
इस पूरे मामले पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने तावड़े पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने पूछा था, "यह पैसा किस सेफ से आया?" वहीं, खरगे ने अपने पोस्ट में बीजेपी नेताओं पर पैसे बांटने के आरोपों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने की बात कही थी। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेते ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।
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