
नई दिल्ली
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से खाली हुई उपराष्ट्रपति की कुर्सी को भरने के लिए जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। लोकसभा और राज्यसभा में एनडीए की संख्या बल को देखते हुए एनडीए उम्मीदवार की जीत पक्की लग रही है। हालांकि, इंडिया गठबंधन की तरफ से भी उम्मीदवार को उतारने की चर्चा है। अभी तक लेकिन किसी भी खेमे के द्वारा नाम का ऐलान नहीं किया गया है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस के बाद कभी भी एनडीए की तरफ से उम्मीदवार का ऐलान किया जा सकता है।
हाल ही में दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी गई है। 7 अगस्त को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एनडीए बैठक हुई थी, जिसमें उपराष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा हुई थी। इसके बाद नामों पर मंथन जारी है। इस संवैधानिक पद की रेस में कई नामों की चर्चा चल रही है।
नई दिल्ली के सियासी गलियारों में इन दिनों देश के अगले उपराष्ट्रपति के लिए राज्यसभा के उपसभापति और जदयू नेता हरिवंश, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के नाम की चर्चा चल रही है। हालांकि, भाजपा ने पिछली बार भी जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान कर लोगों को चौंका दिया था।
INDIA की क्या है रणनीति
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया गठबंधन संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं ताकि किसी नाम पर सहमति बन सके।
उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों द्वारा किया जाता है। दोनों सदनों के कुल 781 सदस्य मतदान करते हैं। पूर्ण मतदान की स्थिति में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम 391 वोट चाहिए। एनडीए के पास फिलहाल लगभग 422 सांसद हैं, जिससे एनडीए उम्मीदवार की जीत पक्की लग रही है। चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। नामांकन पत्रों की जांच 22 अगस्त तक होगी। नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त है। 9 सितंबर को वोट डाले जाएंगे।
More Stories
किश्तवाड़ में बादल फटा, तबाही मची: 10 की मौत की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
चुनाव आयोग की राहुल गांधी को नसीहत: झूठे नैरेटिव पर ‘चोरी’ जैसे शब्द न बोलें
नितिन गडकरी का बयान: एक दिन अखंड भारत बनेगा, विभाजन था अस्वाभाविक