
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाकुंभ के आलोचकों पर निशाना साधते हुए उन्हें "देश को कमजोर करने वाली विदेशी ताकतों" की तरह बताया है। मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आजकल हम देखते हैं कि नेताओं का एक समूह है जो धर्म का मजाक उड़ाता है, उसका उपहास करता है, लोगों को बांटने में लगा हुआ है और कई बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का समर्थन करके देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती हैं।"
"हिंदू धर्म से नफरत करने वाले लोग सदियों से किसी न किसी दौर में रह रहे हैं। गुलामी की मानसिकता में फंसे लोग हमारी आस्था, विश्वास और मंदिरों, हमारे धर्म, संस्कृति और सिद्धांतों पर हमला करते रहते हैं।" आज कल हम देखते हैं कि नेताओं का एक वर्ग ऐसा है जो धर्म का मखौल उड़ाता है, उपहास उड़ाता है, लोगों को तोड़ने में जुटा है और बहुत बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती दिखती है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग "हमारे त्योहारों, परंपराओं और रीति-रिवाजों का दुरुपयोग करते हैं।" उन्होंने कहा, "वे उस धर्म और संस्कृति पर हमला करने का साहस करते हैं जो स्वभाव से प्रगतिशील है। हमारे समाज को बांटना और इसकी एकता को तोड़ना उनका एजेंडा है।" इस महीने की शुरुआत में हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत से लेकर संगम के पानी में मल पाए जाने की खबरों तक, विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने के लिए ढेरों हथियार मिल गए हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भगदड़ से हुई मौतों का हवाला देते हुए इस पवित्र आयोजन को 'मृत्यु कुंभ' कहा था। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी महाकुंभ के पैमाने और खर्च पर चिंता जताई।
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