
मुंबई
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई इस समय बादलों से घिरा हुआ और तापमान में गिरावट आई है. वहीं प्रदेश का राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग से नदारद रहे. यह मीटिंग मुंबई में हो रही बारिश से संभावित परेशानियों से निपटने के लिए मंगलवार को बुलाई गई थी.
इससे पहले भी फडणवीस ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. उस समय भी शिंदे उस बैठक में शामिल नहीं हुए थे. जिससे ये अटकलें तेज हो गईं कि महायुति गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इस बार जब आज कैबिनेट की बैठक बुलाई गई उस समय शिंदे ठाणे में जमीनी हालात का जायजा ले रहे थे. बाद में उन्होंने बीएमसी हेडक्वार्टर जाकर हालात पर निगरानी भी की.
इन दिनों एकनाथ शिंदे की दिल्ली दौरा भी काफी बढ़ गया और चर्चा में रहा. 6 अगस्त को वह अपने परिवार के साथ दिल्ली गए थे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. इसकी तस्वीरें भी सामने आई थी. वहीं शिंदे ने बार-बार दिल्ली के दौर पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में मानसून सत्र चल रहा है और उनकी पार्टी भी एनडीए का हिस्सा है. इसलिए वह कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए.
दूसरी ओर शिंदे की स्वतंत्रता दिवस पर महाराष्ट्र में न रहकर, कश्मीर चले जाने को भी कई लोग बड़ा संकेत मान रहे हैं. कई लोगों ने अटकलें लगाना शुरू कर दिया है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. शिंदे गुट के शिवसेना नेता संजय शिरसाट का इस पूरे मुद्दे पर कहना है कि एकनाथ शिंदे प्रदेश के डिप्टी सीएम हैं, ऐसे में उनका दिल्ली जाना स्वाभाविक (नेचुरल) है.
बेस्ट महाप्रबंधक नियुक्ति पर हुआ था टकराव
इसी महीने बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) के महाप्रबंधक पद पर नियुक्ति को लेकर महाराष्ट्र सरकार में बड़ा टकराव सामने आया था. एक ही पोस्ट के लिए एक ही दिन में दो अलग-अलग नामों की नियुक्ति कर दी गईं थी. एक ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विभाग ने अश्विनी जोशी को महाप्रबंधक नियुक्त किया, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने उसी दिन आदेश पलटते हुए आशीष शर्मा की नियुक्ति कर दी. इस घटनाक्रम से साफ हो गया कि सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच नियुक्तियों को लेकर सामंजस्य की भारी कमी है.
नाराजगी की वजहें
महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच खटास गहराती जा रही है. शिंदे और उनके समर्थकों को लग रहा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में एनसीपी को अधिक तवज्जो दी जा रही है, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) को काफी हद तक नजरअंदाज किया जा रहा है. सिर्फ सत्ता संतुलन ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक नियुक्तियों और स्थानांतरण (ट्रांसफर) में समन्वय की कमी ने भी तनाव को और बढ़ा दिया हैय कई मौकों पर नियुक्तियों को लेकर सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच स्पष्ट टकराव देखा गया है. इसके अलावा, कुछ जिलों में संरक्षक मंत्री चुनने के मुद्दे पर विवाद भी सामने आए हैं. इन विवादों ने शिंदे और बीजेपी के बीच संबंधों को और बिगाड़ दिया है.
फरवरी में शिंदे ने दी थी चेतावनी
फरवरी में भी महाराष्ट्र की महायुति सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चलने की खबरें सामने आई थी. इस पर और मुहर तब लग गई थी जब शिंदे ने नागपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था, 'मुझे हल्के में मत लेना, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया…' मुंबई में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात मुश्किल बना दिए हैं. शहर का शायद ही कोई इलाका ऐसा हो जो इस बारिश से प्रभावित न हो. कई जगहों पर जलभराव है और यातायात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.
कुर्ला में NDRF की टीम तैनात
मुंबई के कुर्ला इलाके के क्रांतिनगर में मीठी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. खतरे को देखते हुए यहाँ रहने वाले लगभग 350 लोगों को पास के बीएमसी स्कूल में शिफ्ट किया गया है. NDRF इंस्पेक्टर और टीम कमांडर राजू प्रसाद ने बताया कि सुबह 9 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और अब तक करीब 250 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी मौके पर पहुंचे और टीम के काम की सराहना की. अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अलर्ट रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें.
लोकल ट्रेन सेवाएं ठप
भारी बारिश से मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. कई जगह पटरियों पर पानी भर गया है जिसके कारण ट्रेनें एक से डेढ़ घंटे की देरी से चल रही हैं. घाटकोपर स्टेशन पर यात्री पटरियों पर उतरकर पैदल ही आगे बढ़ते दिखाई दिए. यही हाल सेंट्रल, हार्बर और वेस्टर्न लाइन के कई हिस्सों में भी देखने को मिला.
सरकारी छुट्टी, फिर भी परेशानी
हालात को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने आज छुट्टी घोषित कर दी है. सभी स्कूल-कॉलेज और सरकारी संस्थान बंद हैं. हालांकि, कई निजी कंपनियों ने दफ्तर खोले हैं, जिसके चलते कामकाजी लोग किसी तरह ऑफिस पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. लगातार तीन दिन से हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही और प्रशासन हालात पर नज़र बनाए हुए है.
More Stories
दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को बंपर तोहफा, बढ़ेगी सैलरी और महंगाई भत्ता
मोदी का तीसरा कार्यकाल: बीजेपी और संघ के रिश्तों का स्वर्णकाल
ऑनलाइन गेमिंग विनियमित करने वाला बिल कैबिनेट से मंजूरी, अब लोकसभा में होगा चर्चा