मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी 'भारत जोड़ो यात्रा' में "अर्बन नक्सल" संगठन शामिल थे। फडणवीस के मुताबिक, इन संगठनों ने नेपाल में एक बैठक आयोजित की थी, जिसका उद्देश्य भाजपा शासित सरकारों को अस्थिर करना था। फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि यह बैठक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 15 नवंबर को काठमांडू में हुई थी। इसका उद्देश्य मुंबई जैसे वित्तीय राजधानी में अशांति पैदा करना था।
फडणवीस ने यह भी कहा कि एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने चुनावों में "आतंकी धन" के इस्तेमाल की जांच शुरू की है। उन्होंने यह दावा किया कि विदेशी हस्तक्षेप के सबूत मिले हैं। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा, "15 नवंबर को काठमांडू में एक बैठक हुई थी, जिसमें उन संगठनों ने भाग लिया था जो भारत जोड़ो यात्रा में शामिल थे। इस बैठक में ईवीएम का विरोध और महाराष्ट्र के साथ-साथ भाजपा शासित राज्यों की सरकार को अस्थिर करने और बैलट पेपर की वापसी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी।"
फडणवीस ने आगे दावा किया कि राहुल गांधी की यात्रा में शामिल 180 संगठनों में से 40 को पूर्व गृह मंत्री आरआर पटिल ने कांग्रेस-एनसीपी सरकार के दौरान 'फ्रंटल संगठन' के रूप में नामित किया था। फडणवीस ने कहा, "18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान केंद्र ने लोकसभा में 72 फ्रंटल संगठनों का उल्लेख किया था, जिनमें से 7 भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा थे।"
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन संगठनों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास आघाड़ी (MVA) के लिए प्रचार किया था। उन्होंने कहा, "भारत में चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के सबूत मिले हैं।" फडणवीस का यह दावा उस समय आया है जब सरकार ने विधानसभा में "महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 2024" प्रस्तुत किया है, जो "शहरी नक्सलवाद" से निपटने के लिए कदम उठाने का प्रस्ताव करता है। यह कानून शहरी केंद्रों में नक्सलवाद की बढ़ती उपस्थिति से निपटने के लिए कदम उठाने का दावा करता है।
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