जयपुर
जालौर में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत को लेकर गहलोत सरकार चौतरफा घिर गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की ओर हमला झेल रही गहलोत सरकार अब अपनों के भी निशाने पर है। कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने गहलोत को अपना इस्तीफा भेजकर सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पीड़ित परिवार के घर जाने का ऐलान किया है।
सचिन पायलट ने ट्वीट किया, ''जालौर जिले के सुराणा गांव में छात्र इंद्र कुमार के साथ शिक्षक द्वारा निर्ममता से की गई पिटाई में मासूम को अपने प्राण गंवाने पड़े थे। मैं कल, 16 अगस्त को स्व. इंद्र कुमार के परिजनों से मिलकर संवेदनाएं व्यक्त करूंगा।'' पायलट शाम 5 बजे सुराणा गांव पहुंचेंगे और पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें ढाढ़ास बंधवाएंगे।''
गौरतलब है कि सचिन पायलट ने जालौर जाने का फैसला ऐसे समय पर किया है जब राज्य सरकार को दलित अत्याचार के मुद्दे पर आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि जालौर में लोगों के गुस्से को देखते हुए सरकार को इंटरनेट तक पर पाबंदी लगानी पड़ी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से पहले पायलट को वहां पहुंचने के राजनीतिक मायने हैं।
विधायक ने दिया इस्तीफा
गहलोत सरकार को दलितों की रक्षा में नाकाम बताते हुए बारां-अटरु विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विधायकी छोड़ने का ऐलान करते हुए सीएम गहलोत को इस्तीफा भेज दिया है। मेघवाल ने कहा है कि राजस्थान में लगातार दलितों और वंचितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
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