
मुंबई
एयर इंडिया ने ऑपरेशन्स से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए अपने 26 पुराने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य महत्वपूर्ण पार्ट्स को बदलकर नए डिवाइस और अन्य पार्ट्स लगाएगी। टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी ने रविवार को ये जानकारी साझा की। बताते चलें कि अभी हाल के दिनों में, एयरलाइन कंपनी को ड्रीमलाइनर समेत अपने कुछ एयरक्राफ्ट्स में ऑपरेशन्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर का रेनोवेशन शुरू
एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट की जांच की गई, जिसमें फ्यूल स्विच की जांच भी शामिल थी। एयर इंडिया ने पहले 'लीगेसी ड्रीमलाइनर' का रेनोवेशन शुरू किया है, जिसे जुलाई 2025 में कैलिफोर्निया के विक्टरविले स्थित बोइंग के एक प्लांट में भेजा गया था। एयर इंडिया ने एक बयान में कहा, ''एक दूसरा एयरक्राफ्ट अक्टूबर 2025 में उसी प्लांट के लिए रवाना होने वाला है और दोनों के दिसंबर 2025 में सेवा में वापस आने की उम्मीद है।''
12 जून को हादसे का शिकार हो गई थी एयर इंडिया की फ्लाइट
इसी साल, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया की फ्लाइट टेक-ऑफ के कुछ ही मिनट बाद क्रैश हो गई थी। इस भयावह हादसे में 242 में से 241 यात्री और क्रू मेंबर्स मारे गए थे। वो विमान एयरपोर्ट के बाहर एक बिल्डिंग से टकरा गया था, जिसकी वजह से बिल्डिंग में मौजूद कई लोगों ने भी इस हादसे में अपनी जान गंवा दी थी। उस हादसे के बाद से एयर इंडिया ने अपने एयरक्राफ्ट की जांच में तेजी लाई थी और मामूली समस्या को भी गंभीरता से लिया था। कंपनी ने अपने विमानों की किसी भी समस्या के साथ समझौता नहीं किया, जिसकी वजह से उन्हें कई फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी।
1 अक्टूबर से शुरू होगी सभी इंटरनेशनल फ्लाइट सर्विस
एयर इंडिया ने हादसे के बाद अपनी इंटरनेशनल फ्लाइट्स को बड़े स्तर पर घटा दिया था। हालांकि, कंपनी अब अपनी इंटरनेशनल सर्विस को एक बार फिर शुरू करने जा रही है। एयर इंडिया ने 6 अगस्त को बताया था कि वो 1 अक्टूबर से अपनी सभी इंटरनेशनल फ्लाइट सर्विस को एक बार फिर शुरू कर देगी।
कंपनी ने बताया था कि यह काम 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 3,340 करोड़ रुपए) के बड़े प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसमें विमानों को आधुनिक और ज्यादा भरोसेमंद बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
इस दौरान 26 ड्रीमलाइनर में से 7 विमानों की भारी सर्विसिंग भी होगी। इससे लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में समय पर संचालन और सुरक्षा में सुधार होगा।
कंपनी के मुताबिक, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के लिए चल रहा ‘रिलाइबिलिटी इनहांसमेंट प्रोग्राम’ में एवियोनिक्स को अपडेट किया जा रहा है और जरूरी पुर्जों को बदला जा रहा है, ताकि विमान नए नियमों के मानकों पर खड़ा उतरें।
13 जुलाई- DGCA ने बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच का आदेश दिया
13 जुलाई को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने आदेश दिया था कि भारत में रजिस्टर्ड सभी बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच होगी। इसमें कहा गया था कि जांच 21 जुलाई तक पूरी कर ली जाए।
DGCA ने बोइंग के सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को सलाह दी थि कि वे जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सौंपें। यह फैसला अहमदाबाद प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद लिया गया है, यह रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को जारी की थी।
रिपोर्ट में कहा गया था कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश के दौरान फ्यूल कंट्रोल स्विच, रन से कटऑफ और फिर वापस रन में बदल जाने के कारण इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया था। एतिहाद समेत कुछ विदेशी एयरलाइनों ने अपने ड्रीमलाइनर्स की जांच पहले ही शुरू कर दी है।
अब जानिए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के बारे में…
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्या है? बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है।
इस विमान में ऐसा क्या खास है?
हल्का मटेरियल: इसका 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है।
बड़ी खिड़कियां:ड्रीमलाइनर की खिड़कियां किसी भी कॉमर्शियल विमान में सबसे बड़ी हैं (27×47 सेमी)
कम्फर्ट: केबिन का प्रेशर 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन 8% ज्यादा रहती है और थकान कम होती है।
LED लाइटिंग: केबिन में रंग बदलने वाली लाइट्स हैं, जो टाइम जोन बदलने का असर कम करती हैं।
बड़े बिन्स: ओवरहेड बिन्स में हर यात्री का रोल-अबोर्ड बैग आसानी से आ जाता है।
यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं?
सीटिंग: एयरलाइंस के हिसाब से अलग-अलग लेआउट हैं। जैसे ANA में 32 बिजनेस, 14 प्रीमियम इकोनॉमी, और 138 इकोनॉमी सीटें। कतर एयरवेज़ में 3-3-3 इकोनॉमी लेआउट है।
एंटरटेनमेंट: पर्सनल टीवी, USB चार्जिंग पोर्ट्स, और पावर आउटलेट्स।
शोर में कमी: केबिन पुराने विमानों से ज्यादा शांत है।
कम्फर्ट: सीटें आरामदायक हैं, और सस्पेंशन सिस्टम हर तरह के रास्ते पर अच्छा अनुभव देता है।
दुनिया भर में ड्रीमलाइनर 787-8 से जुड़े विवाद…
विवाद-1: लीथियम आयन बैटरियों में आग, 3 महीने दुनिया में ड्रीमलाइनर नहीं उड़ा
जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लग गई। एक विमान में आग तब लगी जब वह बोस्टन के एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ा था, जबकि दूसरा ड्रीमलाइनर उड़ान भर चुका था। आग लगने के चलते उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी।
असरः इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने अपने बैटरी सिस्टम और उसके इंसुलेशन यानी बैटरी को इंजन की गर्मी से बचाने के तरीके में सुधार किए।
विवाद-2: बॉडी के जोड़ों में गैप की शिकायत, बोइंग ने गलती मानी
2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था।
असर: 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी।
विवाद-3: विमान के हिस्से जोड़ने का तरीका बदला, हवा में टूटने का खतरा
अप्रैल 2024 में बोइंग में काम करने वाले एक व्हिसलब्लोअर ने दावा किया था कि ड्रीमलाइनर 787 की बॉडी के कुछ हिस्से ठीक से नहीं जुड़े हैं और ये उड़ानों के दौरान बीच में ही टूट सकते हैं। ये व्हिसलब्लोअर इंजीनियर सैम सालेह थे, जो दस साल से ज्यादा समय से बोइंग में काम कर रहे थे।
सैम ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि विमान के कई हिस्सों को एक साथ जोड़ने के तरीके में बदलाव करने से ये दिक्कत हुई है। विमान के धड़ के टुकड़े अलग-अलग कंपनियों से बनकर आते हैं। ये एक साथ जोड़ने पर ठीक से फिट नहीं बैठते हैं।
असर: इन आरोपों के बाद बोइंग के प्रवक्ता पॉल लुईस ने माना था कि मैन्युफैक्चरिंग के तरीके में बदलाव हुए हैं, लेकिन इससे विमान की मजबूती और उसकी लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ा है।' बोइंग ने ये भी कहा था कि वह विमान के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जांच कर रहे हैं। हालांकि बाद में एक और बयान में बोइंग ने सैम के दावों को नकार दिया था और ड्रीमलाइनर 787 को पूरी तरह सुरक्षित बताया था।
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