
वाशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को एक और धमकी दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि अगर उसने व्हाइट हाउस के नीतिगत बदलावों को नहीं माना, तो उसका टैक्स-छूट स्टेटस भी छीन लिया जाएगा। इससे पहले, ट्रंप ने यूनिवर्सिटी को मिलने वाली 2.2 बिलियन डॉलर की फंडिंग को रोक दिया था, क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस को नियंत्रण में लाने के प्लान का विरोध किया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, 'शायद हार्वर्ड को अपनी टैक्स छूट वाली स्थिति खो देनी चाहिए और इसे एक पॉलिटिकल यूनिट की तरह टैक्स के दायरे में लाना चाहिए। अगर यह राजनीतिक, वैचारिक और आतंकवादी प्रेरित/समर्थन करने वाली 'बीमारी' को बढ़ावा देता रहा?' उन्होंने कहा कि याद रखें, टैक्स छूट की स्थिति पूरी तरह से सार्वजनिक हित में कार्य करने पर निर्भर है!
यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब विश्वविद्यालय ने सोमवार को कहा था कि वह परिसर में आंदोलन संबंधी सक्रियता को सीमित करने की ट्रंप प्रशासन की मांगों का पालन नहीं करेगा। ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को हार्वर्ड को लिखे पत्र में व्यापाक सरकारी और नेतृत्व सुधारों की मांग रखी, जिसके तहत हार्वर्ड को योग्यता-आधारित प्रवेश और नियुक्ति नीतियां बनानी होंगी। इसमें चेहरे पर पहने जाने वाले मास्क पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। यह मांग फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाने के लिए की गई प्रतीत होती है।
यूनिवर्सिटी का क्या है बयान
हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने अपने पत्र में कहा, 'ये मांगें विश्वविद्यालय के प्रथम संशोधन अधिकारों का उल्लंघन करती हैं। टाइटल 6 के तहत सरकार के अधिकार की सीमाओं को पार करती हैं।' उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को (चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो) यह निर्देश नहीं देना चाहिए कि निजी विश्वविद्यालय क्या पढ़ा सकते हैं, किसे एडमिशन दे सकते हैं और किसे नियुक्त कर सकते हैं। साथ ही, अध्ययन और जांच के किन क्षेत्रों को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने यहूदी-विरोधी भावना को दूर करने के लिए कई सुधार किए हैं।
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