
नई दिल्ली
एक्ट्रेस और ट्रैवल इन्फ्लुएंसर शेनाज ट्रेजरी ने महिलाओं की शारीरिक आजादी और सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। उन्होंने अपनी हालिया ब्राजील यात्रा का एक वीडियो शेयर किया जिसमें वो एक कैजुअल बिकिनी टॉप, बैकपैक और चौड़ी धारी वाली टोपी पहने हुए सड़कों पर बेफिक्री से साथ घूमती नजर आ रही हैं।
शेनाज ने वीडियो के साथ एक कैप्शन भी लिखा, जिसमें कहा, "ब्राजील में बिना किसी की नजर या आलोचना का सामना किए आजादी से घूमना कितना अलग लगता है। ब्राजील में, शरीर बस शरीर ही होता है। भारतीय महिलाओं को यह अनुभव करना चाहिए कि लोगों की आलोचनाओं या घूरने से आजादी का एहसास कैसा होता है। यहां एक महिला होना सुरक्षित और आजाद लगता है। हो सकता है कि मेरा फोन सुरक्षित न हों, लेकिन मेरा शरीर सुरक्षित है।"
'सोचिए अगर मैं दिल्ली या मुंबई में ऐसे…'
अपने वीडियो में उन्होंने भारत में अपने अनुभवों से इसकी तुलना करते हुए कहा, "सोचिए अगर मैं दिल्ली या मुंबई में ऐसे चलती हूं, तो वाह। उन्होंने ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत में महिलाओं को अक्सर उनके पहनावे के आधार पर जांच और अनचाहा ध्यान का सामना करना पड़ता है।"
शेनाज के वीडियो पर इंटरनेट पर छिड़ी बहस
शेनाज का यह वीडियो जैसे ही इंटरनेट पर वायरल हुआ, तुरंत ही यूजर्स के रिएक्शन की बाढ़ आ गई। किसी ने उनका समर्थन किया तो किसी ने आजादी की उनकी व्याख्या पर सवाल उठाए।
एक यूजर ने अपनी निजी राय साझा करते हुए लिखा, "गोवा में बिना कपड़ों के घूमने, पानी में आजादी से कूदने और ठंडे पानी को अपनी त्वचा पर छूने देने, समुद्र तटों पर दौड़ने और ताजी हवा को अपने शरीर पर महसूस करने के बाद, मैं सोचने लगा कि क्या मेरी पत्नी भी गोवा में उतना ही आनंद लेती है जितना मैं लेता था। नहीं। वह हमेशा टी-शर्ट पहने रहती है, यहां तक कि जब वह समुद्र में भी जाती है। हमारी त्वचा आजादी की हकदार है।"
'आजादी' शब्द को किस स्तर तक गिरा दिया- यूजर
एक अन्य यूजर ने आलोचनात्मक रुख अपनाते हुए टिप्पणी की, "हमने 'आजादी' शब्द को किस स्तर तक गिरा दिया है!" समर्थकों ने शेनज का बचाव करते हुए कहा कि उनकी पोस्ट कपड़ों के चुनाव से ज्यादा सुरक्षा और सम्मान के बारे में थी। एक यूजर ने लिखा , "कमेंट में सभी नाराज पुरुष और यहां तक कि महिलाएं भी उनकी बात को साबित कर रही हैं। उनका मतलब यह नहीं है कि नग्नता आजादी है। उनका मतलब है कि वह जो चाहें पहन सकती हैं और कोई भी उन्हें कभी छेड़ेगा या परेशान नहीं करेगा। लड़की को जीने दो, भगवान।"
एक अन्य यूजर ने लिखा, "लोग इतने भड़के हुए क्यों हैं? यहां वह बता रही हैं कि कैसे वे अपने काम से काम रख रहे हैं, यह भी नहीं देख रहे कि वह क्या पहन रही हैं, और हां, यही आजादी है!" दूसरी ओर, कुछ लोग इससे सहमत नहीं थे। एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा, "आजकल लोग यह विचारधारा क्यों फैला रहे हैं कि जितना कम पहनोगे, उतनी ही आजादी होगी? यह आजादी नहीं है।"
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