September 15, 2024

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राष्ट्रपति पुतिन मंगोलिया का दौरा, जंग के बाद आईसीसी मान्यता प्राप्त देश की पहली यात्रा

 

मॉस्को

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार किया जा सकता है। पुतिन मंगोलिया का दौरा करने जा रहे हैं और मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख के पास ये ताकत है कि वह पुतिन को गिरफ्तार करा सकते हैं। ये गिरफ्तारी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी आईसीसी के पुतिन के खिलाफ जारी वारंट के आधार पर हो सकती है। कोर्ट ने बीते साल पुतिन को युद्ध अपराधी मानते हुए रूसी राष्ट्रपति की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। व्लादिमीर पुतिन को सलाखों के पीछे डाला जा सकता है क्योंकि मंगोलिया आईसीसी का सदस्य देश है।

व्लादिमीर पुतिन 3 सितंबर को चंगेज खान के देश मंगोलिया का दौरा करने वाले हैं। यूक्रेन ने मंगोलियाई सरकार से पुतिन को युद्ध अपराधी करार देते हुए गिरफ्तार करने की मांग की है। यूक्रेन ने कहा कि मंगोलिया सरकार जानती है कि व्लादिमीर पुतिन एक युद्ध अपराधी हैं। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं मंगोलिया सरकार उनको गिरफ्तार करेगी। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने भी कहा है कि अगर पुतिन मंगोलिया जाते हैं तो वहां के अधिकारियों की उनको गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी है।

रूस ने कहा- हमें कोई चिंता नहीं है

व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी की संभावना पर रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा कि उनको इस संबंध में कोई फिक्र नहीं है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि पुतिन की यात्रा मंगोलियाई राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख के निमंत्रण पर हो रही है। उन्होंने कहा कि पुतिन की यात्रा को लेकर मंगोलिया के साथ सभी अहम पहलुओं पर चर्चा हुई है।

व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ आईसीसी ने वारंट जारी किया है लेकिन उसके पास अपना कोई बल नहीं है। ऐसे में गिरफ्तारी गिरफ्तार करना हस्ताक्षरकर्ता देशों पर निर्भर है। मंगोलिया भी हस्ताक्षरकर्ता देश है। ऐसे में आईसीसी का वारंट मंगोलिया सहित अदालत के 124 सदस्य देशों को पुतिन को गिरफ्तार करने और उनके क्षेत्र में कदम रखने पर मुकदमे के लिए हेग में स्थानांतरित करने के लिए बाध्य करता है।

आईसीसी ने पिछले साल मार्च में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसमें उन पर यूक्रेन से सैकड़ों बच्चों को अवैध रूप से निर्वासित करने के युद्ध अपराध का आरोप लगाया गया था। हालांकि रूस ने आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि यह राजनीति से प्रेरित है। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद से पुतिन ने अदालत के किसी हस्ताक्षरकर्ता के पास यात्रा नहीं की है। उन्होंने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका की यात्रा भी रद्द कर दी थी।