August 7, 2025

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Not One Inch बना रूस का हथियार: NATO की ‘बेवफाई’ से भड़का यूक्रेन युद्ध!

 

यूक्रेन 
यूक्रेन युद्ध का असली कारण NATO की "बेवफाई" को बताया जा रहा है।  रूस की आक्रामक नीतियों और यूक्रेन पर उसके हमले को लेकर जब भी वैश्विक आलोचना होती है, तो पुतिन समर्थकों या रूस के पक्षधर विश्लेषकों द्वारा एक ही तर्क बार-बार दोहराया जाता है  "Not one inch" (एक इंच भी नहीं) । इस कथन का हवाला देकर वे दावा करते हैं कि अमेरिका और नाटो (NATO) ने शीत युद्ध के अंत में रूस से वादा किया था कि वे पूर्व की ओर विस्तार नहीं करेंगे, लेकिन उस वादे को तोड़ा गया। पर क्या यह सच है?  

 "Not one inch"-आखिर ये कथन क्या है? 
यह वाक्यांश पहली बार सामने आया था 1990 में, जब तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जेम्स बेकर ने सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव से जर्मनीकरण के संबंध में बातचीत की थी।  उस समय बेकर ने कथित तौर पर कहा था कि नाटो "पूर्व की ओर एक इंच भी नहीं बढ़ेगा" अगर रूस जर्मनीकरण को मंजूरी दे देता है। रूस समर्थकों का कहना है  कि यह कथन एक औपचारिक वादा था कि नाटो पूर्वी यूरोप में कभी विस्तार नहीं करेगा। और जब बाद में नाटो ने पूर्वी यूरोपीय देशों को सदस्य बनाया, तो यह कथित वादा तोड़ दिया गया।
  
 सच्चाई क्या है?
अमेरिका और यूरोपीय इतिहासकारों का कहना है कि: "Not one inch" कभी कोई औपचारिक समझौता या लिखित वादा नहीं था।  यह एक राजनीतिक बातचीत का हिस्सा था, जो विशेष रूप से जर्मनी के करण से जुड़ा था, न कि पूरे पूर्वी यूरोप के लिए।  नाटो की नीति यह रही है कि कोई भी संप्रभु देश अपने सुरक्षा गठबंधन खुद तय कर सकता है। इसलिए पोलैंड, हंगरी, बाल्टिक देश आदि जब नाटो में शामिल हुए, तो वह उनकी स्वतंत्र इच्छा से हुआ, न कि किसी दबाव में।

रूसी आक्रामकता  का हथियार बना "नॉट वन इंच" 
पुतिन और उनके समर्थक पश्चिम की आलोचना करते हुए यह कहते हैं कि नाटो का विस्तार रूस के लिए सुरक्षा खतरा बन गया और यही यूक्रेन युद्ध का कारण है। लेकिन यह तर्क: यूक्रेन पर हमले को वैध नहीं ठहरा सकता, और न ही यह रूस की सैन्य कार्रवाइयों का न्यायिक आधार बन सकता है। इसके विपरीत, नाटो विस्तार को देखने का एक और नजरिया यह भी है कि पूर्वी यूरोपीय देश रूसी प्रभाव और अधिपत्य से बचने के लिए खुद नाटो में शामिल होना चाहते थे। 
 
विशेषज्ञों की राय 
पूर्व अमेरिकी राजनयिक और नाटो विश्लेषक मानते हैं कि: “'Not one inch' एक ऐतिहासिक बातचीत का वाक्य था, न कि कोई आधिकारिक नीति। पुतिन इसका इस्तेमाल सिर्फ अपनी नीतियों को सही ठहराने के लिए करते हैं।”

    "Not one inch" कोई लिखित या कानूनी वादा नहीं था।
     यह सिर्फ एक  राजनयिक बातचीत का हिस्सा था जो  1990 के सीमित संदर्भ  (जर्मनी करण) में हुआ।
     रूस की सैन्य आक्रामकता और यूक्रेन पर उसका हमला, किसी पुराने कथन से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
     नाटो विस्तार सदस्य देशों की स्वतंत्र इच्छा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का परिणाम है।