October 6, 2024

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Joe Biden अमेरिका के राष्ट्रपति, कैसे होंगे भारत से रिश्ते?

 

वॉशिगंटन
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और जो बाइडेन का 46वां राष्ट्रपति बनना तय है। ऐसे में इस बात पर चर्चा शुरू हो चुकी है कि उनके नेतृत्व में भारत से अमेरिका के संबंध कैसे रहेंगे। भारत के लिहाज से देखें तो कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां वे वर्तमान राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के ढर्रे पर चलेंगे। कुछ में वे बदलाव कर सकते हैं। 21वीं सदी में भारत और अमेरिका के रक्षा, रणनीतिक और सुरक्षा संबंध मजबूत हुए हैं, फिर राष्‍ट्रपति की कुर्सी पर चाहे रिपब्लिकन बैठा रहा हो या डेमोक्रेट। यही ट्रेंड बाइडेन प्रशासन में भी बरकरार रहने के आसार हैं। हालांकि, चीन को लेकर बाइडेन कैंप में भी दो धड़े हैं, जिसका असर भारत पर पड़ सकता है। आइए, समझने की कोशिश करते हैं कि बाइडेन प्रशासन का भारत पर रुख कैसा रह सकता है।

चीन को लेकर क्या सोच?
बाइडेन ने अपने चुनाव प्रसार के दौरान भारतीय-अमेरिकियों से संपर्क किया है। वह भारत के लिए उदार सोच रखते हैं। चूंकि अमेरिका और भारत के रिश्‍ते अब संस्‍थागत हो चले हैं, ऐसे में उसमें बदलाव कर पाना मुश्किल होगा। टीम बाइडेन में चीन को लेकर मतभेद हैं। इसका असर भारत-अमेरिका और भारत-चीन के रिश्‍तों पर भी देखने को मिलेगा। बाइडेन के कुछ सलाहकारों ने चीन को लेकर ट्रंप जैसी राय रखी है। बाकी कहते हैं कि अमेरिकी और चीनी अर्थव्‍यवस्‍थाओं को अलग करना नामुमकिन है, ऐसे में राष्‍ट्रीय सुरक्षा और क्रिटिकल टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में अलगाव हो सकता है, इससे ज्‍यादा कुछ नहीं।

व्यापारिक रिश्ते कैसे?
बाइडेन कैम्‍पेन में इंडो-पैसिफिक को लेकर रणनीति साफ नहीं की गई है। चूंकि यह इलाका भारतीय विदेश नीति के केंद्र में है, इसलिए इसपर नजर रखनी ही पड़ेगी। भारत और अमेरिका के व्‍यापारिक रिश्‍तों में परेशानी रहेगी, चाहे सत्‍ता में कोई भी हो। ओबामा प्रशासन के दौरान भी नई दिल्‍ली और वाशिंगटन में इस क्षेत्र को लेकर तनातनी रहती थी। बाइडेन प्रशासन में भी भारत को व्‍यापार में कोई खास छूट मिलने के आसार नहीं हैं। इसके अलावा बाइडेन का 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का अपना वर्शन भी है।

H1-B वीजा का क्या?
बाइडेन प्रशासन भारत में मानवाधिकार उल्‍लंघन पर नजर रख सकता है। इसके अलावा हिंदू बहुसंख्‍यकवाद, जम्‍मू और कश्‍मीर का भी संज्ञान लिया जा सकता है। डेमोक्रेट्स से भरी कांग्रेस में भारत के खिलाफ ऐसी चीजों पर पैनी नजर रह सकती है। H-1B वीजा के पुराने रूप में लौटने की संभावना न के बराबर है। हालांकि इससे भारतीयों पर असर पड़ सकता है लेकिन महामारी ने जिस तरह से रिमोट वर्किंग को बढ़ावा दिया है, उससे वह असर कम होने की उम्‍मीद है।