
वॉशिंगटन
इजरायल और ईरान के बीच जंग छिड़ी हुई है। इजरायल की मंशा है कि ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया जाए। इन सबके बीच यूएन के परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख ने गंभीर चेतावनी दी है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने कहा है कि अगर बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को निशाना बनाया गया तो मिडिल ईस्ट में परमाणु आपदा आ सकती है। राफेल ग्रॉसी ने यूएन सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में कहाकि हालांकि अभी तक रेडिएशन लीकेज का पता नहीं चला है। लेकिन बुशहर पर हमले के परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं।
रेडिएशन का बढ़ेगा खतरा
ग्रॉसी ने चेतावनी देते हुए कि इस क्षेत्र के देशों ने पिछले कुछ घंटों में मुझसे संपर्क किया है। उन्होंने अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। लेकिन एक बात मैं पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर बुशहर पर हमला हुआ तो काफी मात्रा में रेडियो एक्टिविटी पदार्थ निकलेगा। गौरतलब है कि 13 जून को इजरायल ने ईरान पर अचानक हमला बोल दिया था। इस हमले में उसने ईरान की परमाणु और सैन्य ठिकानों, शीर्ष जनरलों और वैज्ञानिकों को टारगेट किया था।
वॉशिंगटन स्थित ईरानी मानव अधिकार संगठन ने दावा किया है किईरान में करीब 657 लोग-जिनमें 263 नागरिक शामिल हैं- मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 2,000 से अधिक लोगों के घायल होने की बात भी कही गई है। वहीं, इजरायली सेना का कहना है कि बदला लेने के लिए ईरान ने इजराइल के खिलाफ 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन लॉन्च किए हैं। इनमें करीब 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।
अगर बुशहर रिएक्टर पर हमला हुआ तो क्या
बुशहर दक्षिणी ईरान में स्थित है। यह मिडिल ईस्ट का पहला नागरिक परमाणु रिएक्टर है। आईएईए के प्रमुख ने कहाकि इसमें हजारों किलोग्राम परमाणु सामग्री है। उन्होंने कहाकि किसी भी तरह के हमले से रिएक्टर के पावर सप्लाई लाइनें डैमेज हो सकती हैं। इसके परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते हैं। उन्होंने कहाकि हालत बहुत ज्यादा खराब होने पर बुशहर के कई सौ किलोमीटर तक लोगों को बाहर निकालना पड़ेगा। आम लोगों पर रेडिएशन का असर कम करने के लिए आयोडीन का सेवन करना पड़ेगा। वहीं, खाद्य आपूर्ति पर पाबंदियों का सामना करना पड़ सकता है।
नेतन्याहू ने कही है यह बात
गौरतलब है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले जारी रखेंगे। उन्होंने कहाकि हम तब तक लड़ेंगे जब तक कि ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को तबाह नहीं कर लेते। नेतन्याहू ने कहाकि यह बहुत बड़ा खतरा है। वहीं, ईरान का कहना है कि उसके परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण मकसद से हैं।
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