
तेहरान
तीन परमाणु ठिकानों पर हुई बमबारी के बाद ईरान अमेरिका व इजरायल को बख्शने के मूड में नहीं दिख रहा। एक तरफ जहां सुप्रीम लीडर खामेनेई के करीबी अमेरिकी नौसेना के बेड़ों को निशाना बनाने की बात कह रहे हैं तो ईरान ने हमले के बाद इजरायल को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया। ईरान ने इजरायल के 10 बड़े शहरों पर मिसाइल से हमले किए। वहीं, अब ईरान के विदेश मंत्रालय ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि परमाणु स्थलों पर हमला करके अमेरिका ने खुद ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है, ''अब, उस शासन के गैरकानूनी और आपराधिक कृत्यों को पूरा करते हुए, अमेरिका ने इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया है।'' इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ईरान के विदेश मंत्री ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का गंभीर उल्लंघन किया है।
अमेरिका ने बी-2 बॉम्बर विमान के जरिए ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ईरान के फोर्दो, इस्फहान और नातांज परमाणु स्थलों पर रात भर किए गए 'बड़े पैमाने पर सटीक हमलों' की घोषणा की। इसे 'शानदार सैन्य सफलता' बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने परमाणु स्थलों को 'पूरी तरह से नष्ट कर दिया'। उन्होंने कहा कि ईरान को अब शांति स्थापित करनी होगी। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी हमलों की पुष्टि की, लेकिन जोर देकर कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं किया जाएगा। ईरान और संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी ने कहा कि हमलों के बाद तीनों स्थानों पर न्यूक्लियर रेडिएशन के तत्काल कोई संकेत नहीं मिले हैं।
ईरान की न्यूज एजेंसी तस्नीम ने फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर अमेरिकी हमले की पुष्टि की थी. अब, आधिकारिक इरना समाचार एजेंसी नतांज और इस्फहान पर हमलों की पुष्टि कर रही है. इसने इस्फहान के गवर्नर के सहयोगी अकबर सालेही के हवाले से कहा, 'हमने इस्फहान और नतांज के परमाणु केंद्रों के पास हमले देखे.' सालेही ने कहा कि इस्फ़हान और नतांज़ में कई विस्फोट सुने गए. इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष दूसरे हफ्ते में पहुंच गया है और अब अमेरिका ने भी इसमें एंट्री कर ली है. बताया जा रहा है कि अमेरिका ने इन हमलों में बी-2 बॉम्बर्स का प्रयोग किया है.
वहीं इस्लामिक सलाहकार सभा के अध्यक्ष के सलाहकार महदी मोहम्मदी ने कहा है कि ईरान के नजरिये से कुछ भी असाधारण नहीं हुआ है. ईरान पिछली कई रातों से फोर्डो साइट पर हमले की आशंका जता रहा था. कुछ समय पहले ही साइट को खाली करा लिया गया था. अगर हमला हुआ भी तो उसे कोई नुकसान नहीं होगा.
ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद इजरायल-ईरान युद्ध के क्षेत्र में फैलने की आशंका के मद्देनजर रविवार को विभिन्न देशों ने कूटनीतिक समाधान तलाशने और संयम बरतने की अपील की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि वह ईरान के खिलाफ युद्ध में इजरायल का साथ देने के बारे में दो सप्ताह में फैसला लेंगे। अमेरिका के हमलों के बाद विभिन्न देशों और संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने रविवार को सभी पक्षों से वार्ता की ओर लौटने का आग्रह किया। चीन के सरकारी मीडिया ने सवाल किया कि क्या अमेरिका ईरान में वही गलती दोहरा रहा है, जो उसने इराक में की थी। चीन के सरकारी प्रसारक की विदेशी भाषा शाखा 'सीजीटीएन' के ऑनलाइन लेख में कहा गया है कि अमेरिकी हमले एक खतरनाक मोड़ को दर्शाते हैं।
ट्रंप के भरोसे पर मुनीर ने फेरा पानी
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की पाकिस्तान ने ना सिर्फ निंदा की है, बल्कि यह भी कहा है कि तेहरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच किया था। इसके बाद अमेरिका को पाकिस्तान से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन हुआ इसे ठीक विपरीत। पाकिस्तान से इसे अतंर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना है।
पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का हमला गलत है। यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। ईरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।’
पिछले महीने भारत-पाकिस्तान गतिरोध में कूटनीतिक हस्तक्षेप का दावा करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा करने और उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए समर्थन देने के एक दिन बाद ही पाकिस्तान ने अपना स्टैंड बदल लिया है। ईरान के परमाणु स्थलों पर वाशिंगटन के सैन्य हमलों की तीखी आलोचना की है।
आपको बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने रविवार को तड़के ईरान के तीन प्रमुख स्थलों – फोर्दो, नतांज और इस्फाहान पर हमले किए, जिसमें तेहरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया ताकि उसकी क्षमताओं को कम किया जा सके।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम क्षेत्र में तनाव के और बढ़ने की संभावना से बहुत चिंतित हैं। ईरान के खिलाफ चल रही आक्रामकता के कारण तनाव और हिंसा में अभूतपूर्व वृद्धि बेहद परेशान करने वाली है। तनाव के और बढ़ने से क्षेत्र और उससे आगे के लिए गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ेंगे। हम दोहराते हैं कि ये हमले अंतर्राष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपनी रक्षा करने का वैध अधिकार है।”
More Stories
इजरायल ने सभी फ्लाइट्स के लिए बंद किया अपना एयरस्पेस
ईरान के परमाणु ठिकानों पर US का बड़ा हमला, फोर्डो, नतांज और इस्फहान में गिराए बंकर बस्टर बम, ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागीं
इजराइल के हैकर्स ने ईरान के क्रिप्टो एक्सचेंज से 90 मिलियन डॉलर चुराकर नष्ट कर दिए