
नई दिल्ली
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आते हैं और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी की वजह से चंद्रमा पर नहीं पड़ता। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। 7 और 8 सितंबर की रात को लगने वाला यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि पर लगेगा। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को रात 9:58 मिनट से शुरू होकर 8 सितंबर को रात 1:26 मिनट तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसके साथ ही एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका के कई हिस्सों में यह चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है।
पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है। चंद्रमा एक उपग्रह है, जो धरती की परिक्रमा करता है। इस दौरान जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इससे धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। पूर्णिमा के दिन यह खगोलीय घटना होती है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा पड़ती है।
सिर्फ पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगता है। चंद्रमा को पृथ्वी का चक्कर लगाने और एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक एक चक्र पूरा करने में सिर्फ 29.5 दिन लगते हैं। हालांकि, साल में औसतन सिर्फ तीन चंद्र ग्रहण ही लगते हैं। इसकी वजह यह है कि पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रमा की कक्षा समतल नहीं है। करीब पांच डिग्री के कोण पर यह है। इसका मतलब है कि चंद्रमा अक्सर पृथ्वी की छाया के ऊपर या नीचे चला जाता है।
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