शनि अनुशासन, धैर्य और दृढ़ता के लिए जाने जाते है। शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि व्यक्ति के कर्म के अनुसार फल देते हैं, इसलिए इन्हे कर्मफलदाता शनि कहा जाता है। शनि सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह है। शनि का राशि परिवर्तन 2.5 साल बाद होता है। जब शनि ग्रह लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करते हैं तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए अपना समय च्रक पूरा करते समय शनि की साढ़े साती शुरु हो जाती है। अभी शनि कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि की साढ़े साती कुंभ, मकर और मीन राशि पर चल रही है। शनि को राशि चक्र पूरा करते समय 30 वर्ष लग जाते हैं। आइए जानते हैं शनि को प्रसन्न करने के उपाय।
शनि देव सिखाते हैं ये 3 चीजें
शनि विरोधाभासों का ग्रह है। एक ओर, इनकी धीमी गति हमें अटका हुआ, सुस्त या देरी से बोझिल महसूस करा सकती है। लेकिन दूसरी ओर, शनि का असली सार उसके मेहनती स्वभाव में निहित है।
जब आप शनि की एनर्जी से तालमेल बिठाते हैं, तो यह आपको 3 चीजें सिखाकर, आपका जीवन बदलता देता-
-अत्यधिक अनुसान
-बेहतरीन दिनचर्या
-दृढ़ता का मूल्य
शनि ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए खास उपाय
अनुशासन जरुरी है
सुबह जल्दी उठें, नियमित रुप से दिनचर्या का पालन करें और अपनी कमिटमेंट्स पर ध्यान देना जरुरी है।
मेहनत करें
जो लोग मेहनत करते हैं शनि उनके प्रयास का हमेशा सम्मान करते हैं। कभी भी चुनौतियों से न बचें, बड़े-बड़े चैलेंज को गले लगाओ।
मन को व्यवस्थित करें
यदि आप ध्यान या योग जैसे अभ्यास करेंगे तो शनि की भारी ऊर्जा को कम कर सकते हैं।
दयालु बनें
जो व्यक्ति दान और विनम्रता के कार्य करते हैं उन्हें शनि फल जरुर देते हैं। कम भाग्यशाली लोगों की मदद करना जरुरी है। हमेशा खुद को दयालु बनाएं।
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