नई दिल्ली
एसबीआई की आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जीडीपी विकास दर चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 13.5% रही। अगर यह गति जारी रहती है तो इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी।
भारत 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर सकता है। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग की एक रिसर्च रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में भारत आर्थिक रूप से दसवें स्थान पर था, 2029 तक भारत सात स्थानों की छलांग लगाकर तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है।
एसबीआई की आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की जीडीपी विकास दर चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 13.5% रही। अगर यह गति जारी रहती है तो इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 6.7% से 7.7% तक की वृद्धि दर के अनुमानों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़िया है। जहां पूरी दुनिया में मंदी का खतरा मंडरा रहा है ऐसे में 6% से 6.5% प्रतिशत की विकास दर ‘न्यू नॉर्मल’ है।
हालांकि एसबीआई की इस रिपोर्ट में आईआईपी (Index of Industrial Production) बास्केट को अपडेट करने की पुरजोर वकालत की गई है। रिपोर्ट के अनुसार यह 2012 के उत्पादों के आधार पर बना है तो निराशाजनक रूप से पुराना है।
एसबीआई की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2014 के बाद से बड़े बदलाव आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दिसंबर 2021 में भी ब्रिटेन को पीछे छोड़कर आगे निकल गई थी। भारत ब्रिटेन से अभी आगे नहीं निकला है जैसा कि रिपोर्ट्स में दावा किया गया है। वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदोरी फिलहाल 3.5% की है। 2014 में यह 2.6% थी। जबकि, 2027 तक यह जर्मनी को पीछे छोड़ कर 4% पर पहुंच जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पहली तिमाही में बढ़त हासिल कर ली है। अभी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अमेरिका है। जबकि दूसरे नंबर पर चीन फिर जापान और जर्मनी का नंबर है। एक दशक पहले भारत इस सूची में 11वें नंबर पर था और ब्रिटेन पांचवें पायदान पर। भारत ने यह कारनामा दूसरी बार किया है। इससे पहले 2019 में भी ब्रिटेन को छठे स्थान पर धकेल दिया था।
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