
नई दिल्ली
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के नियमों में बदलाव पर विचार किया जा रहा है ताकि मेंबर्स को अपनी सेविंग्स का ज्यादा इस्तेमाल करने की आजादी मिल सके। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घर बनवाने, शादी और शिक्षा जैसे उद्देश्यों के लिए पीएफ खाते से पैसे निकालने की लिमिट को आसान बनाने पर काम किया जा रहा है। सीनियर सरकारी अधिकारियों ने बताया कि अभी कोई समय-सीमा तय नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार एक साल के अंदर ये बदलाव लाने पर विचार कर रहा है।
10 साल में एक बार खाते में जमा सारे पैसे निकालने की आजादी पर विचार
अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया, "हम मेंबर्स पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते, ये उनका पैसा है, उन्हें अपनी जरूरतों के अनुसार अपने फंड्स को मैनेज करने की आजादी होनी चाहिए।" सरकार ईपीएफओ विड्रॉल के लिए नए नियमों पर विचार कर रही है जिसके तहत ईपीएफओ मेंबर्स को हर 10 साल में एक बार खाते में जमा सारे पैसे या उसका एक हिस्सा निकालने की अनुमति दी जा सकती है। एक अधिकारी ने कहा था, "हर 10 साल में, प्रत्येक ईपीएफओ मेंबर की जमा राशि में कुछ बढ़ोतरी होगी, उन्हें ये तय करना होगा कि उन्हें क्या करना है।"
मेंबर्स की फाइनेंशियल जरूरतों के हिसाब से नए नियम बना सकती है सरकार
ईपीएफ नियमों को ज्यादा लचीला और जीवन के अलग-अलग मोड़ पर मेंबर्स की फाइनेंशियल जरूरतों के हिसाब से बनाने की व्यापक कोशिशों लगातार जारी हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नियमों में बदलाव करने से निम्न और मध्यम आय वर्ग के मेंबर्स को काफी सुविधा मिलेगी, जिन्हें अक्सर तत्काल कैश की जरूरत होती है। बताते चलें कि मौजूदा नियमों के मुताबिक, EPFO सदस्य 58 साल की रिटायरमेंट एज के बाद ही खाते में जमा सारे पैसे निकाल सकते हैं, या अगर वे 2 महीने से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहते हैं तो वे ऐसी परिस्थितियों में पैसे निकाल सकते हैं। इसके अलावा, कुछ खास मामलों में आंशिक निकासी की भी अनुमति है।
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