ग्वालियर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में नया अध्यादेश जारी किया है। इससे उन विद्यार्थियों को लाभ होगा,जो बीच में पढ़ाई छोड़ चुके थे। नए अध्यादेश में मल्टीपल एंट्री-एग्जिट (विद्यार्थी कभी आ सकता है और कभी भी जा सकता है) के प्रावधानों को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम बीटेक में लागू करने के लिए नियम बनाए हैं। इसके अनुसार एक वर्ष की पढ़ाई पूरी कर छोड़कर जाने वाले विद्यार्थी को सर्टिफिकेट, दो वर्ष पर डिप्लोमा, तीन वर्ष पर बी वोकेशनल एवं चार वर्ष की पढ़ाई पूरी करने वाले विद्यार्थी को विश्वविद्यालय स्नातक की डिग्री देगा। यानी कि बीटेक वाले विद्यार्थी कभी भी प्रवेश लेने के बाद और कोर्स छोड़ने के बाद पांच साल के भीतर पुन: एडमिशन लेकर अपनी पढ़ाई पूरी सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को पांच साल के भीतर एंट्री करनी होगी। इसके तहत एग्जिट के बाद दोबारा प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए 10 प्रतिशत सीट आवंटन का प्रविधान हर वर्ष प्रत्येक ब्रांच के प्रत्येक सेमेस्टर में होगा। इस प्रावधान को एकेडमिक काउंसिल से सहमति मिल गई है। अब कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। यहां से अप्रूवल मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। इससे आरजीपीवी से संबद्ध करीब 160 इंजीनियरिंग कालेजों के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
…तो ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा
नए प्रावधान में यह भी उल्लेख है कि एक वर्ष की पढ़ाई पूरा कर बाहर होने वाले विद्यार्थी को दस क्रेडिट का ब्रिज कोर्स करना होगा, जिसमें छह क्रेडिट जाब इंटर्नशिप या अप्रेंटिसशिप के होना जरूरी होंगे। ऐसे विद्यार्थियों को संबंधित बोर्ड आफ स्टडीज द्वारा तय किसी विषय के पाठ्यक्रम में ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा। यह भी प्रविधान किया है कि कोर्स छोड़ने जाने के बाद पुन: प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए दस प्रतिशत सीट का प्रविधान प्रत्येक वर्ष प्रत्येक ब्रांच में रहेगा इससे अधिक आवेदन आने पर मेरिट के आधार पर केवल 10 प्रतिशत विद्यार्थियों का ही पुन: प्रवेश मल्टीपल एंट्री के रूप में होगा।
More Stories
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में की प्रेस ब्रीफिंग
बाबा साहब की सामाजिक और राजनैतिक उपेक्षा करने वाली कांग्रेस बाबा साहब के नाम पर ढोंग कर रही है: विष्णुदत्त शर्मा
स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए सशक्त स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जन-जागरूकता ज़रूरी : उप मुख्यमंत्री शुक्ल