भोपाल
जिलों में सरकारी स्कूलों के प्राचार्य स्कूल में पदस्थ अमले के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव बिना परीक्षण किए सीधे वरिष्ठ अधिकारियों के पास स्वीकृति के लिए भेज रहे है। आवेदनों में निर्धारित समयसीमा का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है। इसके लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी स्कूल प्राचार्यों पर नाराजगी जताई है।
सभी प्रचार्यो को शिक्षा विभाग ने पत्र लिखकर कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मंजूरी के लिए प्राप्त होने वाले प्रकरणों का परीक्षण करने पर पाया गया कि संकुल प्राचार्यों के द्वारा भेजे गए प्रकरणों का उनके स्तर से परीक्षण किए बिना ही कार्यालय को प्रकरण भेजे जा रहे है, जिसके कारण प्रकरण आपत्ति सहित कार्यालय के द्वारा लौटाये जाने से प्रकरणों के निराकरणों में अनावश्यक विलंब होता है और कार्यालय का समय भी अनावश्यक रुप से बर्बाद होता है। प्रकरण प्रस्तुत करने के पूर्व संकुल प्राचार्य अपने स्तर से प्रकरण का परीक्षण कर अनुशंसा सहित वरिष्ठ अधिकारियोंं के पास कार्यालय को भेजे।
शासकीय सेवक बीस वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद किसी भी समय नियुक्त प्राधिकारी को प्रारुप 28 में जिस तारीख को वह सेवानिवृत्त होना चाहता है , कम से कम एक माह की पूर्व सूचना देकर उसके द्वारा एक माह की कालावधि के लिए या उस कालावधि के लिए जिसके लिए उसके द्वारा वास्तविक रुप से दी गई सूचना एक मास से कम होती है। वेतन तथा भत्तों का उसके द्वारा भुगतान करने पर सेवानिवृत्त हो सकेगा।
संकुल प्राचार्यों के इन निर्देशों का परीक्षण अपने स्तर से करने के बाद प्रकरण में संलग्न आवेदन पर आवक क्रमांक एवं दिनांक अंकित करेंगे और फार्म 28 पर हस्ताक्षर सील अंकित कर उसके साथ न मांग न जांच प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय को एक माह पूर्व भेजेंगे। यदि किसी कर्मचारी ने एक माह का वेतन जमा कर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाही है तो उसके चालान की प्रति भी प्रकरण के साथ प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद ही उस आवेदन को स्वीकार किया जा सकेगा।
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