नई दिल्ली /मॉस्को
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं. 4-5 दिसंबर को उनका भारत में दौरा होगा. इसको लेकर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. यहां रूसी सुरक्षा एजेंसी की टीम पहले ही पहुंच चुकी है. ऐसे में जानते हैं कि दूसरे देशों में कैसी होती है रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा?
रूस के राष्ट्रपति भारत की यात्रा पर आने वाले हैं. जाहिर सी बात है कि, पुतिन जैसे शक्तिशाली नेता के दौरे को लेकर सुरक्षा के इंतजाम भी काफी सख्त होंगे. वैसे तो किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष के आगमन पर विशेष सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, लेकिन रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा थोड़ी अलग है.
पहले ही स्थानीय लोगों में घुलमिल जाती है- अदृश्य सेना
द मॉस्को टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन जहां भी जाते हैं. वहां जाने से पहले उनकी एक अदृश्य सेना पहले से तैनात हो जाती है जो वहां के आम लोगों और स्थानीय माहौल में घुलमिल जाती है.
क्रैमलिन के सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, 2022 में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या और स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको की हत्या के प्रयास के बाद विशेष रूप से पुतिन की सिक्योरिटी को टाइट कर दिया गया है.
साथ लेकर चलते हैं पोर्टेबल लैब
पुतिन की सुरक्षा में लगी विशेष सेवाएं उनके जीवन के लगभग हर पहलू को नियंत्रित करती हैं. यहां तक कि एक पोर्टेबल प्रयोगशाला का इस्तेमाल करके उनके सभी भोजन में जहर की जांच भी की जाती है.
पुतिन देश के अंदर या बाहर कहीं भी जाते हैं तो उनके खाने-पीने का विशेष ध्यान रखा जाता है. यही वजह है कि उनके काफिले के साथ एक पोर्टेबल लैब भी चलता है, जो उनके भोजन में जहर की जांच करता है. इस लैब में जांच के बाद ही पुतिन खाना खाते हैं.
निजी रसोइये हमेशा होते हैं साथ
राष्ट्रपति के निजी रसोइये हमेशा उनके साथ यात्रा करते हैं. वह किसी भी देश में अपने रसोइये के हाथ का बना खाना ही खाते हैं. उस खाने को भी पहले लैब में टेस्ट किया जाता है.
खाना और पानी भी रूस से आता है
रूसी राष्ट्रपति के साथ किराने का सामान भी रूस से ही लाया जाता है. रूस में भी एक विशेष टीम होती है, जो उनके खाने-पीने का इंतजाम करती है. वहीं टीम खाना और पानी साथ लेकर चलती है. इन चीजों की भी अच्छे से जांच की जाती है.
अपना टॉयलेट भी साथ लेकर चलते हैं
रूसी राष्ट्रपति खाने-पीने की चीजों के साथ अपना एक पोर्टेबल टॉयलेट भी साथ लेकर चलते हैं. ताकि, दूसरे देश में उनके शरीर के अपशिष्ट पदार्थ भी न छूटे. इसकी कई वजहें बताई जाती है. कहा जाता है कि अगर राष्ट्रपति से जुड़ा कोई भी चीज विदेशी धरती पर छूट जाता है तो उसकी जांच से राष्ट्रपति के स्वास्थ्य के बारे में पता लगाया जा सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन सकता है.
ऐसे में पुतिन भारत आने पर ये सारी चीजें साथ लेकर आएंगे. यह चीजें उनकी सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं. इसको लेकर रूसी सुरक्षा एजेंसियां कोई भी लापरवाही नहीं कर सकती है.

More Stories
ऑपरेशन सिंदूर में चमका भारत का ‘आकाश’! डिफेंस सिस्टम की धमाकेदार क्षमता जानकर दुनिया हुई हैरान
धर्मशाला में भाजपा का हल्ला बोल: 4 दिसंबर को कांग्रेस की ‘झूठी गारंटियों’ पर होगा खुलासा
रहस्यमयी उपकरण से फैली सनसनी, बम डिफ्यूज़ल स्क्वॉड और पुलिस ने संभाला मोर्चा