
मैहर
विंध क्षेत्र के मुकुंदपुर में स्थित एकमात्र सफेद बाघ सफारी एक राजनीतिक विवाद के केंद्र में है, जिसने सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के साथ-साथ विपक्षी कांग्रेस के नेताओं को भी एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया है.
यह विवाद मैहर के अतिरिक्त कलेक्टर की ओर से अमरपाटन के राजस्व अधिकारी को लिखे गए एक पत्र के पिछले हफ़्ते वायरल होने के बाद शुरू हुआ, जिसमें मैहर की अमरपाटन तहसील के 6 गांवों, मुकुंदपुर, धोबहट, अमीन, परसिया, आनंदगढ़ और पापरा, को रीवा स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर हितधारकों की राय मांगी गई थी.
संयोग से, मुकुंदपुर मध्य प्रदेश वन विभाग के महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव सफेद बाघ सफारी और चिड़ियाघर का स्थान है, जिसकी स्थापना 2016 में मोहन की स्मृति में की गई थी. मोहन, एक सफेद बाघ था जिसे 1951 में रीवा में पकड़ा गया था और जिसे दुनिया भर के अधिकांश सफेद बाघों का पूर्वज माना जाता है. इसे रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह ने पकड़ा था.
सांसद ने लिखा CM को पत्र
सतना से 5 बार के BJP सांसद गणेश सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर गांवों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव का विरोध किया और इसे रीवा को लाभ पहुंचाने की एक 'साजिश' बताया, जिसका प्रतिनिधित्व विधानसभा में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल करते हैं.
मुकुंदपुर को 'छीनने' का आरोप
मैहर से पूर्व BJP विधायक और विंध जनता पार्टी के संस्थापक नारायण त्रिपाठी ने शुक्ल पर मैहर से मुकुंदपुर को 'छीनने' की कोशिश करने का आरोप लगाया.
जेल भरो आंदोलन करेंगे कांग्रेस MLA
कांग्रेस विधायक और पूर्व उपसभापति राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य सफारी पर नियंत्रण करना है. उन्होंने कहा कि वह एक गांधीवादी विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे जिसमें मैहर जेल को 1000 सत्याग्रहियों से भरना शामिल होगा.
डिप्टी CM शुक्ल का बयान
उधर, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने 'X' पर अपनी बात रखते हुए कहा, "कुछ कांग्रेस नेताओं ने निराधार टिप्पणियां की हैं जो तथ्यों की कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं."
शुक्ल ने कहा, "जिले की सीमाओं का सीमांकन राज्य पुनर्गठन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है, जिसने न तो मुझसे सुझाव मांगा है और न ही मैंने ऐसी कोई मांग की है."
राजनीति बंद होनी चाहिए: पत्रकार जयराम शुक्ल
इस बीच, विंध्य के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक पर्यवेक्षक जयराम शुक्ल ने कहा कि राजनीति बंद होनी चाहिए क्योंकि सीमा पुनर्गठन की प्रक्रिया नागरिकों को राहत देने के लिए है.
पंडित दीनदयाल विचार प्रकाशन की ओर से प्रकाशित मासिक पत्रिका 'चरैवेति' के पूर्व संपादक शुक्ल ने कहा, "मुकुंदपुर रीवा मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर है, लेकिन मैहर मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर है. सीमा पुनर्गठन आयोग का उद्देश्य जिला कार्यालयों और अदालतों तक जनता की पहुंच को आसान बनाना था. नेताओं को राजनीति बंद करनी चाहिए और यह समझना चाहिए कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य ऐसी विसंगतियों को दूर करना है."
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