
रायपुर
विधानसभा का आगामी मानसून सत्र सियासी हलचल और तीखी बहसों से भरा रहने वाला है। 14 जुलाई से शुरू होने जा रहे पांच दिवसीय सत्र के लिए अब तक विधायकों ने करीब एक हजार सवाल लगाए हैं। खास बात यह है कि इन सवालों में सिर्फ विपक्ष ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के विधायक भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
विधानसभा सचिवालय को प्राप्त सवालों में कानून-व्यवस्था, योजनाओं में भ्रष्टाचार, शासकीय कार्यों में लापरवाही, स्थानीय समस्याएं और योजनाओं की विफलता जैसे मुद्दे प्रमुखता से शामिल हैं। विपक्ष की रणनीति स्पष्ट है। वह सत्र के हर दिन सरकार को घेरे रखने के मूड में है।
सदन में कांग्रेस का आक्रामक तेवर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने साफ किया है कि पार्टी इस सत्र में कानून-व्यवस्था, अवैध रेत खनन, पेड़ों की कटाई और बिलासपुर के पटवारी आत्महत्या जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक सरकार की नीतियों का विरोध करेगी और जवाब मांगने से पीछे नहीं हटेगी।
खरगे के दौरे पर गरमाई राजनीति
इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर भी राजनीति गरमा गई है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि राज्य खरगे का स्वागत नहीं करेगा, क्योंकि उन्होंने सनातन धर्म का अपमान किया है। इसके जवाब में बैज ने पलटवार करते हुए कहा कि जब सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने मुख्यमंत्री साय, योगी आदित्यनाथ और यूपी भाजपा अध्यक्ष को 'ब्रह्मा, विष्णु, महेश' कहा था, तब भाजपा क्यों चुप रही? बैज ने भाजपा पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी भाजपा के नेताओं को फायदा होता है, तब वे धर्म की आड़ लेते हैं।
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