
रीवा
जिले के पहड़िया मे स्थित टेक होम राशन(THR) प्लांट से शर्मसार कर देने वाला वीडियो सामने सामने आया है. यहां गर्भवती महिलाओं और बच्चो के लिए पैरों से रौंदकर पोषण आहार को तैयार किया जा रहा है. पोषण आहार तैयार करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि पोषण आहार का मिक्चर तैयार करके उसे पैरों से रौंद कर मशीन मे डाला जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक प्लांट में तैयार होने वाला पोषण आहार रीवा संभाग के सभी जिलों में स्थित आंगनवाड़ियों में भेजा जाता है. जिसके बाद इस पोषण आहार को गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए वितरित किया जाता है.
बताया जा रहा है की पहाड़िया स्थित टेक होम राशन प्लांट को स्थानीय महिला समूह द्वारा बड़े पैमाने पर संचालित किया जाता है. इस प्लांट में तैयार हो रहा पोषण आहार रीवा संभाग के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को सप्लाई किया जाता है. टेक होम राशन प्लांट का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण के साथ उन्हें रोजगार और पोषण आहार उपलब्ध कराना है. वहीं प्लांट की देखरेख जिला पंचायत करता है. लेकिन गुरुवार को वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की लापरवाही सामने आई है.
वीडियो वायरल होने के बाद समाज सेवी ने लगाए आरोप
समाजसेवी बीके माला ने पैरों से रौंदकर तैयार किए जा रहे पोषण आहार का वीडियो वायरल होने के बाद इसे शर्मनाक कहा है. उन्होंने कहा कि शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए गुणवत्ता और मानक के विपरीत पैरों से रौंदकर दलिया और पंजीरी का पोषण आहार तैयार किया जाता है. इस आहार को पूरे रीवा संभाग की आगनबाड़ियो में सप्लाई किया जाता है. उन्होंने प्लांट मे पदस्थ अधिकारियों, प्लांट के इंचार्ज सहित कर्मचारियों को मामले में दोषी ठहराया है.
शिकायतकर्ता ने लगाया ये आरोप
शिकायतकर्ता का आरोप है कि शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए, अपने निजी लोभ लालच में सामग्री लोकल व्यापारियों से खरीदी जाती है. माना जा सकता है, निम्न गुणवत्ता वाला पोषण आहार संयंत्र में तैयार किया जा रहा है. पोषण आहार निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है, जिसमे मिलावट की जा रही है.
जिसका सेवन करने वाले बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे कई बीमारियां पैदा हो सकती है. एफ.सी.आई द्वारा निर्धारित गेहूं चावल की मात्रा को बढ़ाने के लिए, बाजार से खराब माल गेहूं, चावल खरीदा जाता है. जिसका कोई लिखित दस्तावेज उपलब्ध नहीं होता.
जांच दल के गठन की मांग
आजीविका मिशन द्वारा लोडिंग अनलोडिंग कार्य को नियुक्त ठेकेदार से न कराकर, संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्य किया जाता है. जिसमे आवंटित राशि से अधिक दुगना व्यय करके, कार्य कराया जाता है. यह पोषण आहार जीवन से संबंधित है, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण आहार से संबंधित होने के कारण, बड़ी सावधानी से बनना चाहिए. शिकायतकर्ता का कहना है,कलेक्टर उच्च स्तरीय जांच दल गठित कर जांच कराए.
पोषक तत्त्वों के मिश्रण में की जाती है धांधली
समजसेवी बीके माला ने बताया कि प्लांट में क्वालिटी मेंटेन नहीं की जाती है. साथ ही पोषण आहार में मिश्रित प्रोटीन की चीजें जैसे- दाल और सोयाबीन की मात्रा कम करके गेहूं की मात्रा अधिक कर दी जाती है और बची हुई महंगी समाग्री बाजार मे बेच दी जाती है. गुणवत्ताविहीन पोषण आहार के सेवन से गर्भवती महिलाओं को अच्छा पोषक तत्व नहीं मिल पा रहा है, साथ ही बच्चे भी कुपोषित हो रहे हैं. मामले की जांच करवाकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को दिए जांच के निर्देश
पूरे मामले पर कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है "टेक होम राशन प्लांट पहाड़िया मे संचालित है, जिसका संचालन जिला पंचायत से होता है. मामला संज्ञान में लाया गया है. जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित किया गया है कि वह स्वयं मौके पर जाएं और जांच करें कि 'क्या जो भी मापदंड हैं, उसके अनुसार पोषण आहार तैयार किया जा रहा है. पोषण आहार के लिए उपयोग की जा रही खाद्य सामग्री की गुणवत्ता क्या है इसकी जांच भी कराई जाएगी."
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