महाराष्ट्र
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन की जीत के बाद मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर ऐलान का इंतजार है। राज्य मंत्रिमंडल के गठन के लिए भी कोशिशें तेज हैं। इस बीच, भाजपा की नई रणनीति को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो महायुति के नए मंत्रिमंडल से सीनियर नेताओं को बाहर किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि युवा विधायकों को मौका देने की तैयारी है। बीजेपी के नेतृत्व वाली की सरकार में नई ऊर्जा भरने और भविष्य के चुनावों को ध्यान में रखते हुए इसे अहम माना जा रहा है। फिलहाल, पार्टी आलाकमान स्तर तक मुख्यमंत्री पद के नाम पर चर्चा चल रही है। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे अपनी-अपनी पार्टियों के कैबिनेट मंत्रियों के नाम आगे बढ़ाएंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा आलाकमान की ओर से तीनों नेताओं को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसमें बदलाव की जरूरत पर जोर दिया गया। हालांकि, लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन न हो पाने पर इस योजना को टाल दिया गया। सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र कैबिनट से किन चेहरों को बाहर किया जाएगा, यह काफी हद तक तय किया जा चुका है। इसे देखते हुए ही कहा जा रहा है कि अगले मंत्रिमंडल में तीनों दलों से नए चेहरे शामिल होंगे। कुछ दिग्गजों को आराम दिया जाएगा। हालांकि, उन्हें गठबंधन या अपने-अपने दलों के लिए काम करते रहना होगा।
‘50 साल से कम आयु के विधायकों को मिलेगा मौका’
सूत्रों की मानें तो भाजपा 50 साल से कम आयु के विधायकों को मंत्री पद के लिए प्राथमिकता देना चाहती है। इसका मकसद युवा मतदाताओं को पार्टी की ओर से आकर्षित करना है। ऐसा करने से अगले चुनाव में मजबूत प्रदर्शन की संभवना बढ़ जाएगी। नए लोग पार्टी और गठबंधन से जुड़ने के लिए आगे आएंगे। यह जरूर है कि इस घटनाक्रम को लेकर सीनियर विधायकों में चिंता पैदा हो गई है। कई लोगों को अपना मंत्री पद खोने का डर सताने लगा है। हालांकि, यह बात भी निकलकर सामने आ रही कि युवा और अनुभवी चेहरों के साथ मंत्रिमंडल में संतुलन बैठाने का प्रयास किया जाएगा। अजित पवार पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के भी आज राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की उम्मीद है, जहां सीएम पद पर अंतिम मुहर लग सकती है।
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