December 24, 2024

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UPI फेस्टिव सीजन में बना मिसाल, 23.5 लाख करोड़ रुपये का हुआ ट्रांजेक्शन

 

मुंबई

भारत में यूपीआई का जिस तेजी से इस्तेमाल हो रहा है वो पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बनता जा रहा है. इस समय देश में यूपीआई का यूज करना सबसे आसान पेमेंट सिस्टम में से एक है. यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के इस्तेमाल में लगातार बढ़त देखी जा रही है. अक्टूबर में देश में यूपीआई के जरिए 16.58 अरब लेनदेन हुए हैं. इसकी वैल्यू करीब 23.5 लाख करोड़ रुपये थी और शुक्रवार को एनपीसीआई ने यह जानकारी दी है. अप्रैल 2016 में यूपीआई शुरू होने के बाद से अब तक का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है.
डेली यूपीआई ट्रांजेक्शन अक्टूबर में रहे 535 मिलियन

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम-नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, सितंबर की तुलना में अक्टूबर में लेनदेन की संख्या में 10 फीसदी और मूल्य में 14 फीसदी की वृद्धि देखी गई. अक्टूबर में डेली यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या 535 मिलियन रही. इस दौरान औसत ट्रांजेक्शन की वैल्यू 75,801 करोड़ रुपये रोजाना रही जबकि सितंबर में औसत दैनिक ट्रांजेक्शन की संख्या 501 मिलियन और मूल्य 68,800 करोड़ रुपये था.
IMPS के जरिए 467 मिलियन लेनदेन

अक्टूबर में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिए 467 मिलियन लेनदेन हुए हैं, जो सितंबर के आंकड़े 430 मिलियन से 9 फीसदी अधिक है. बीते महीने आईएमपीएस से होने वाले लेनदेन की वैल्यू सितंबर के आंकड़े 5.65 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 11 फीसदी बढ़कर 6.29 लाख करोड़ रुपये रही थी. अक्टूबर में फास्टैग के जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या 8 फीसदी बढ़कर 345 मिलियन हो गई है. सितंबर में यह आंकड़ा 318 मिलियन था. बीते महीने फास्टैग लेनदेन की वैल्यू 6,115 करोड़ रुपये थी, जो कि सितंबर में 5,620 करोड़ रुपये थी.
आधार इनेबिल्ड पेमेंट सिस्टम पर 126 मिलियन लेनदेन

एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर में आधार इनेबिल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) पर 126 मिलियन लेनदेन हुए, जो सितंबर के 100 मिलियन से 26 फीसदी अधिक है. भारत में डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है. मार्च 2021 में कंज्यूमर स्पेंडिंग में डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी 14 से 19 फीसदी थी, जो कि अब बढ़कर 40 से 48 फीसदी हो गई है.

यूपीआई-आधारित लेनदेन की संख्या इस वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 52 फीसदी बढ़कर 78.97 अरब हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 51.9 अरब थी. वहीं, इस साल के पहले छह महीनों में यूपीआई लेनदेन का मूल्य 40 फीसदी बढ़कर 83.16 लाख करोड़ रुपये से 116.63 लाख करोड़ रुपये हो गया है.