नई दिल्ली
आधिकारिक आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रैलियों के आयोजन एवं बैठक स्थल की बुकिंग के लिए जम्मू कश्मीर में राजनीतिक नेताओं ने हरियाणा के अपने समकक्षों की तुलना में करीब चार गुना अधिक अनुमति ली है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हो रहा है जो 18 सितंबर से शुरू होगा, जबकि हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक ही चरण में पांच अक्टूबर को होना है।
जम्मू कश्मीर और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, निर्वाचन आयोग के 'सुविधा' ऐप्लीकेशन के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश में रैली मैदानों और ‘हॉल’ के लिए 3, 100 से अधिक अनुमति दी गई हैं। सुविधा ऐप पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में इस तरह की 850 से अधिक अनुमति दी गई है।
ग्यारह और 12 सितंबर को जम्मू कश्मीर के दौरे पर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से कहा कि रैलियों या बैठकों में भाग लेने वालों की संख्या पर अंतिम क्षणों में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। प्रशासन को निर्देश दिया गया कि राजनीतिक सभाओं के लिए अनुमति बिना किसी पक्षपात या अनावश्यक हस्तक्षेप के दी जानी चाहिए।
केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में 50 सीटों पर कुल 458 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस ऐप का उपयोग रैलियों के आयोजन, अस्थायी पार्टी कार्यालय खोलने, घर-घर जाकर प्रचार करने, वीडियो वैन, हेलीकॉप्टर और हेलीपैड के उपयोग, वाहन परमिट प्राप्त करने और पर्चे वितरित करने की अनुमति प्रदान करने में किया जा रहा है।
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